view all

69 मेडल@69 कहानियां: सेमीफाइनल की हार के बावजूद क्यों खास है सायना नेहवाल का मेडल

कहानी 31: सायना की बदौलत भारत को 36 साल बाद एशियाई खेलों में बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में मेडल मिल सका

FP Staff

एक ऐसी खिलाड़ी जिनकी चोट को उनके करियर का अंत समझा जा रहा था, जिन्हें संन्यास की सलाह दी जा रही थी उन्होंने वापसी की और इस वापसी का सबूत है एशियन गेम्स में उनका गोल्ड मेडल.

ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सायना नेहवाल का एशियाड में गोल्ड जीतने का सपना टूट गया. सेमीफाइनल में उन्हें चीनी ताईपे की ताई यू जिंग ने हरा दिया. ताई यू जिंग दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी हैं. उन्होंने फाइनल में पी वी सिंधु को भी हराया. लेकिन हार के बावजूद सायना ने भारत का एक सपना जरूर पूरा कर दिया. सायना की बदौलत भारत को 36 साल बाद एशियाई खेलों में बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में मेडल मिल सका. साइना से पहले कभी किसी शटलर ने महिला सिंगल्स में मेडल नहीं जीता था. इससे पहले केवल सैयद मोदी के नाम 1982 में बैडमिंटन के इंडिविजुअल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल था.


साइना एशियाई गेम्स के बैडमिंटन मुकाबले में भले ही तीसरे स्थान पर रहीं. लेकिन आज वो नई पीढ़ी की लड़कियों के लिये रोल मॉडल से कम नहीं हैं. तभी साइना नेहवाल पर बायोपिक फिल्म बनने जा रही है. फिल्म अभिनेत्री श्रद्धा कपूर साइना की बायोपिक में काम करेंगीं. साइना के लुक टेस्ट के लिये वो कड़ी मेहनत कर रही हैं. घंटों बैडमिंटन की प्रैक्टिस करती हैं तो जिम में वर्क आउट करती हैं. श्रद्धा कपूर ये जानती हैं कि उनके सामने कितना बड़े किरदार को निभाने की चुनौती है. इस महीने सितंबर के आखिर से सायना नेहवाल की बायोपिक फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी. इस फिल्म से देश जानेगा कि किस तरह कड़ी मेहनत की भट्टी में तप कर देश में साइना जैसा सोना तैयार होता है.