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Asian Games 2018: गोल्ड मेडल को बरकरार रखना है हॉकी कोच हरेंद्र की सबसे बड़ी चुनौती

एशियन गेम्स की विजेता टीम को 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में मिलेगी सीधी एंट्री

Bhasha

भारतीय मेंस हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि अगले महीने होने वाले एशियन गेम्स में मौजूदा चैंपियन भारत अपनी टॉप रैंकिंग के कारण गोल्ड मेडल जीतने का प्रबल दावेदार होने के बावजूद चीजों को हल्के में नहीं ले सकता.

दुनिया की छठे नंबर की टीम भारत को पूल ए में कोरिया, जापान, श्रीलंका और हांगकांग के साथ रखा गया है जबकि पूल बी में मलेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ओमान, थाईलैंड और मेजबान इंडोनेशिया को जगह मिली है.


भारत अपने अभियान की शुरुआत 22 अगस्त को हांगकांग के खिलाफ करेगा जबकि इसके बाद जापान (24 अगस्त), कोरिया (26 अगस्त) और श्रीलंका (28 अगस्त) से भिड़ेगा.

हरेंद्र का कहना है,  ‘हम गत चैंपियन हैं लेकिन हम किसी टीम को हल्के में नहीं ले सकते. मैं इसे आसान ग्रुप नहीं कह सकता. हमें प्रत्येक टीम के खिलाफ बेहद सतर्क रहना होगा क्योंकि हम हांगकांग और श्रीलंका जैसी टीमों के खिलाफ नहीं खेले हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जापान एशिया में उभरती हुई टीम है और किसी भी टीम को हैरान करने में सक्षम हैं. उन्होंने हाल की प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि कोरिया की टीम भी अच्छी है और रक्षात्मक हॉकी खेलती है.’

भारत ने 2014 एशियन गेम्स के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था. एशियन गेम्स 2018 के विजेता को सीधे टोक्यो ओलंपिक 2020 का टिकट मिलेगा जिसके कारण हरेंद्र और उनकी टीम खिताब जीतने को बेताब है.