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69 मेडल@69 कहानियां: हारकर भी पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, बनीं सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय शटलर

कहानी 37 : ताई ने भारतीय उम्मीद को सिर्फ 34 मिनट में ही धराशायी कर गोल्ड मेडल जीत लिया और इसी के साथ सिंधु को सिल्वर से संतोष करना पड़ा

FP Staff

स्टार भारतीय शटलर पीवी सिंधु को बैडमिंटन के महिला सिंगल्स के खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड नंबर वन ताइ जू यिंग से सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद वह इतिहास रचने में कामयाब रहीं. वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बन गईं हैं.

जैसे ही सिंधु फाइनल में कोर्ट पर उतरीं. हर कोई सिंधु का उत्साह बढ़ा रहा था और शायद उन्हें इसकी जरूरत भी थी. पहली बार एशियन गेम्स में बैडमिंटन सिंगल्स के फाइनल में कोई भारतीय खिलाड़ी उतरा था. हर कोई इस ऐतिहासिक पल को स्वर्णिम होते हुए देखना चाहता था,लेकिन सिंधु के लिए यह इतना आसान नहीं था. क्योंकि उनके और मेडल के बीच ताई खड़ी थीं.  इसी दबाव में कारण पूरे मुकाबलों में उन्होंने ऐसी गलतियां कर दीं, जो उनसे तो कतई उम्मीद नहीं थी और वो भी इतने बड़े मुकाबले में.


भारतीय उम्मीदों का बोझ कंधे पर लिए कोर्ट में उतरी सिंधु को पहले गेम में 13-21 से हार मिली. हालांकि दूसरे गेम में उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी, लेकिन पार नहीं पा सकीं. इस गेम में उन्हें 16-21 से हार का सामना करना पड़ा. ताई ने भारतीय उम्मीद को सिर्फ 34 मिनट में ही धराशायी कर गोल्ड मेडल जीत लिया और इसी के साथ सिंधु को सिल्वर से संतोष करना पड़ा.