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Asian Games 2018 : तैयारी के लिए बेहद कम समय, लेकिन अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद : सिंधु

भारतीय महिला टीम ने चार साल पहले इंचियोन में कांस्य पदक जीता था और सिंधु को उम्मीद है कि वे 18 अगस्त से शुरू हो रहे इन खेलों में इस बार पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे

Bhasha

विश्व चैंपियन में रविवार को अपना दूसरा रजत और कुल चौथा पदक जीतने वाली पीवी सिंधु का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों को एशियन गेम्स की तैयारी के लिए भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिला, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वे 2014 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे जब सिर्फ एक कांस्य पदक जीत पाए थे. भारतीय महिला टीम ने चार साल पहले इंचियोन में कांस्य पदक जीता था और सिंधु को उम्मीद है कि वे 18 अगस्त से शुरू हो रहे इन खेलों में इस बार पदक का रंग बदलने में सफल रहेंगे.

सिंधु ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह काफी अलग होने वाला है क्योंकि हमें टीम स्पर्धाओं के अलावा व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भी हिस्सा लेना है. तैयारी के लिए काफी समय समय है, लेकिन एक टीम के रूप में पिछली बार हमने कांस्य पदक जीता था. इस बार हमें बेहतर पदक की उम्मीद है.साथ ही व्यक्तिगत स्पर्धा में मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी. विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक से मनोबल बढ़ा है, मुझे उम्मीद है कि मैं आगे बढ़ूंगी और अच्छा प्रदर्शन करूंगी.’


भारत ने एशियन गेम्स की महिला सिंगल्स स्पर्धा में अब तक कभी कोई पदक नहीं जीता है. आठ बार के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन सैयद मोदी एशियन गेम्स में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत पदक विजेता हैं, जिन्होंने 1982 में नई दिल्ली खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था. सिंधु ने लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियनशिप के फाइनल के सफर के दौरान जापान की नोजोमी ओकुहारा और अकाने यामागुची तथा कोरिया की सुंग जी ह्युन जैसी स्टार खिलाड़ियों को हराया.

सिंधु की शानदार फार्म को देखते हुए मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को एशियन गेम्स में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि क्वार्टर फाइनल में ओकुहारा और सेमीफाइनल में यामागुची को हराना काफी अच्छा रहा. उसने (सिंधु ने) उन दोनों को जिस तरह से हराया वह शानदार था. हमें आगामी 10 दिन में एशियन गेम्स में एक और सफल प्रतियोगिता की उम्मीद है.’

विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन के बारे में सिंधु ने कहा, ‘मैं रजत पदक जीतकर काफी खुश हूं. यह अच्छा हफ्ता रहा. आप सभी को पता है कि ड्रॉ मुश्किल था. पहले दौर से ही अच्छे कड़े मुकाबले हुए. मेरी तरफ से यह अच्छा है कि मैंने अपना शत प्रतिशत दिया. निश्चित तौर पर मुझे और कड़ी मेहनत करनी होगी जब तक कि मुझे स्वर्ण पदक नहीं मिल जाता. उम्मीद करती हूं कि एक दिन मुझे यह मिलेगा.’

विश्व चैंपियनशिप में अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर गोपीचंद ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विश्व चैंपियनशिप में हमारे चार खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल में पहुंचे जो अब तक के सर्वाधिक हैं. लेकिन मुझे लगता है कि निश्चित तौर पर ऐसे विभाग हैं जिनमें सुधार हो सकता है. (किदांबी) श्रीकांत और (एचएस) प्रणॉय बेहतर कर सकते थे.’