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Asian Games 2018: जो 56 साल के इतिहास में नहीं हुआ वो पीवी सिंधु ने कर दिखाया

इतिहास के पन्नों के जरिए जानिए क्यों खास है सिंधु की यागामुची पर मिली यह जीत

FP Staff

भारत की 23 साल की शटलर पीवी सिंधु को शायद भारतीय बैडमिंटन के इतिहास के पन्नों को फिर लिखवाने की आदत पड़ चुकी है. दो साल पहले रियो ओलिंपिक्स में सिल्वर मेडल हासिल करके इतिहास रचने वाली पीवी सिंधु ने सोमवार को जकार्ता में वो कर दिखाया जो इससे पहले कोई भी भारतीय खिलाड़ी कभी भी नहीं कर सका था.

पीवी सिंधु एशियन गेम्स में बैडमिंटन की किसी भी कैटेगरी के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय शटलर बन गईं हैं. सोमवार को सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की यामागुची को 21-17,15-21,21-10 से मात देकर गोल्ड मेडल की ओर कदम और बढ़ा लिया है अब उनका मुकाबला ताइपे की ताइ जु यिंग के साथ होगा. चाइनीज ताइपे की इस खिलाड़ी ने सिंधु के मुकाबले से पहले भारत की ही एक और स्टार शटलर सायना नेहवाल को सीधे गेमों में 21-17,21-14 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई है.


हालांकि सायना नेहवाल इस हार के बावजूद ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने में तो कामयाब रही लेकिन असल इतिहास तो सिंधु ने ही रचा है.

क्या है एशियाड में भारतीय शटलर्स का इतिहास

बैडमिंटन को पहली बार 1962 के एशियाड में शामिल किया गया था. वह एशियाड भी जकार्ता में ही आयोजित हुआ था. तब से लेकर 2014 के इंचियोन एशियाड तक भारतीय बैडमिंटन का कोई भी शटलर ब्रॉन्ज मेडल से आगे नहीं बढ़ सका. 1982  में दिल्ली में आयोजित हुए एशियाड मे भारत के सैयद मोदी ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था और उसके बाद से कोई भी भारतीय सिंगल्स में मेडल भी हासिल नहीं कर सका.

एशियन गेम्स में बैडमिंटन के 56 साल के इतिहास में भारतीय दल के खाते में कभी भी ब्रॉन्ज मेडल से आगे कोई मेडल नहीं आ सका है. इंचियोन एशियाड तक भारत ने एशियाड के इतिहास में बैडमिंटन के कुल आठ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए थे.

इनमें से एक मेंस सिंगल्स में सैय़द मोदी ने 1982 एशियाड में जीता था, इसी एशियाड में भारत ने एक ब्रॉन्ज मेडल मेंस डबल्स में जीता था.1974,1982 और 1986 के एशियन गेम्स में भारत की मेंस टीम को एक-एक ब्रॉन्ज मिला था. 1982 के एशियाड में भारतीय महिला टीम ने एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था और इसी एशियाड में भारत को मिक्स्ड डबल्स में एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ था. 2014 के इंचियोन एशियाड में भारतीय वीमंस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.

एशियाड में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को मिले ब्रॉन्ज मेडल्स में अब सायना नेहवाल का ब्रॉन्ज भी शामिल हो चुका लेकिन अब इस टेली के रंग को बदलने में पीवी सिंधु ने कामयाबी हासिल कर ली है. अब यह रंग गोल्डन हो  सिल्वर, पीवी सिंधु इतिहास के पन्नों में बदलाव की इबारत लिख चुकी हैं.