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69 मेडल@69 कहानियां: वकील से निशानेबाज बने अभिषेक वर्मा, पदार्पण करते हुए जीता ब्रॉन्ज

कहानी 40 : अभिषेक का यह पहला इंटरनेशनल मेडल है, जो उन्होंने 29 साल की उम्र में जीता

FP Staff

पेशे से वकील अभिषेक वर्मा ने एशियन गेम्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी में ना केवल पदार्पण किया बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहे. ये वही इवेंट है जिसमें एक अन्य भारतीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड पर कब्जा जमाया. 16 वर्षीय निशानेबाज सौरभ ने भी पदार्पण करने के साथ ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए कुल 240.7 अंक हासिल किए और गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा.

अभिषेक खुद भी एलएलबी करते-करते शूटर बने हैं. अभिषेक का यह पहला इंटरनेशनल मेडल है, जो उन्होंने 29 साल की उम्र में जीता. अभिषेक के पिता पलवल कोर्ट में सेशन जज हैं. अभिषेक वर्मा के पिता अशोक वर्मा बताते हैं कि 2015 से पहले उसके बेटे को शूटिंग का कुछ नहीं पता था. 2015 में उनकी पोस्टिंग हिसार में हुई. इसी दौरान अभिषेक जिम करने के लिए जाता था. उसे पता चला कि जिम के नजदीक ही एक शूटिंग रेंज है. अभिषेक उस शूटिंग रेंज में पहुंच गया और पहली बार राइफल उठाई.


इत्तेफाक से शूटिंग के लिए पहुंचे अभिषेक ने इस खेल को अपनी करियर बना लिया. पिछले साल अभिषेक ने केरल में हुए नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था. अभिषेक ने जून में सेलेक्शन ट्रायल्स के दौरान जीतू राय और अमनप्रीत सिंह को पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद अभिषेक ने अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए अपने खर्च पर जर्मनी में जाकर प्रशिक्षण लिया.