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69 मेडल@69 कहानियां: कैसे 4 साल पहले राइफल थामने वाले ने ओलिंपियन के रहते हुए हासिल किया 'लक्ष्‍य'

कहानी 19: लक्ष्‍य श्‍योरण के सामने सबसे पहली चुनौती तो ओलिंपियन और हमवतन मानवजीत की ही चुनौती थी

FP Staff

एशियन गेम्‍स शुरू होने के दूसरे दिन शूटिंग में लक्ष्‍य श्‍योरण ने सबको चौंका दिया था.19 साल के लक्ष्‍य ने चीन, कोरिया के अलावा हमवतन ओलिंपियन मानवजीत संधु का सामना करते हुए सिल्‍वर पर निशाना साधा. ट्रैप शूटिंग में दिग्‍गजों को पछाड़ने हुए लक्ष्‍य के जिंदगी में इस मेडल का श्रेय कहीं न कहीं खेल मंत्री राज्‍यवर्धन राठौर को जाता है. दरअसल पहले यह युवा निशानेबाज पिस्‍टल शूटिंग का अभ्‍यास किया करता था, लेकिन ट्रेप में राठौर को निशानेबाजी करते हुए  देख उनका झुकाव इस और होने लगा और इसके बाद पूरी तरह से ही ट्रेप में आ गए और चार साल पहले ही राइफल थामने वाले लक्ष्‍य ने एशियाड में 50 में से 43 सटीक निशाने लगाए. शुरुआत में मानवजीत और लक्ष्‍य दोनों दूसरी पोजीशन पर बने हुए थे, लेकिन इसके बाद मानव अपने लक्ष्‍य से भटक गए और चौथे नंबर पर फिसल गए और इसके बाद एक काफी खराब निशाना लगाकर पांचवें स्‍थान के साथ एलिमिनेट भी हो गए.

लक्ष्य ने पिछले साल जूनियर शॉटगन कप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके अलावा पिछले साल जूनियर शॉटगन वर्ल्ड कप में लक्ष्य ने मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.