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Asian games 2018 : जानिए हमारे किस बॉक्‍सर्स के पंच में है कितना दम...

पिछले बार के मेडलिस्‍ट की गैर मौजूदगी में हमारे बाक्‍सर्स रिंग में उतरेंगे

Kiran Singh

इंडोनेशिया में होने वाले एशियन गेम्‍स का काउंट डाउन शुरू हो गया. प्‍लेयर्स ने भी कमर कस ली है. इस बार भारत की ओर 572 खिलाड़ी अपना दमखम दिखाएंगे और उनकी कोशिश पिछले बार इंचियोन एशियाड के मेडल की संख्‍या को बढ़ाना होगा. इंचियोन एशियाड में भारत ने 11 गोल्‍ड, 10 सिल्‍वर और 36 ब्रॉन्‍ज के साथ कुल 57 मेडल जीते थे, जिसमें ज्‍यादा मेडल एथलेटिक्‍स में आए थे, वहीं बाक्सिंग में भारत अपने खेलों की सूची में 8वें नंबर पर रहा था. पिछली बार भारत ने बाक्सिंग में 13 प्‍लेयर्स बॉक्सिंग में भारत ने एक गोल्‍ड और चार ब्रॉन्‍ज सहित कुल पांच मेडल जीते थे और इस बार तो भारत की ओर से 10 प्‍लेयर्स भी उतर रहे हैं रिंग में, वो भी अनुभवी मैरी कॉम के बिना... तो क्‍या भारतीय बॉक्‍सर्स अपने पिछले प्रदर्शन को और बेहतर कर पाएंगे या फिर जकार्ता के रिंग में उन्‍हें अपनी एशियाड गोल्‍ड मेडलिस्‍ट मैरी कॉम जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की कमी महसूस होगी. जानिए आपके किन बॉक्‍सर्स के पंच में है कितना दम.

मनोज कुमार के कंधों पर होगी बॉक्सिंग टीम की जिम्‍मेदारी


इस एशियाड में 7 पुरुष खिलाड़ी और तीन महिला खिलाड़ी रिंग में उतरेंगी. पिछले बार की गोल्‍ड मेडलिस्‍ट मैरी कॉम, ब्रॉन्‍ज मेडलिस्‍ट सरिता देवी, पिंकी रानी और सतीश कुमार की गैरमौजूदगी में अब सारा जिम्‍मा अनुभवी मनोज कुमार के कंधों पर है. 10 सदस्‍यीय दल में मनोज ही हैं, जिनके पास दो एशियन गेम्‍स, दो ओलिंपिक का अनुभव है और उनकी कोशिश एशियाड में अपने सूखे को खत्‍म करने के साथ ही बॉक्सिंग टीम से भारत की उम्‍मीदों को बनाए रखने की भी होगी.

खिलाड़ीइवेंट
अमित पंघाल49 किग्रा
गौरव सोलंकी52 किग्रा
मोहम्‍मद हुसामुद्दीन56 किग्रा
शिव थापा60 किग्रा
धीरज रांगी64 किग्रा
मनोज कुमार69 किग्रा
विकास कृष्‍ण यादव75 किग्रा

खिलाड़ीइवेंट
सरजूबाला देवी51 किग्रा
सोनिया लाथर57 किग्रा
पवित्रा60 किग्रा

गोल्‍ड कोस्‍ट की लय को कितना बरकरार रख पाएंगे विकास 

18 साल की उम्र में एशियाड गेम्‍स में गोल्‍ड जीतकर इतिहास रचने वाले विकास कृष्‍ण यादव से देश को 2010 एशियन गेम्‍स के प्रदर्शन की उम्‍मीद है. आज विकास के पास दो ओलिंपिक का भी अनुभव जुड़ा है. हालांकि 2014 इंचियोन एशियाड में विकास सेमीफाइनल में हार गए थे और उनको ब्रॉन्‍ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा. इसके बाद 2015 में हुए एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ही उन्‍हें सिल्‍वर मेडल से संतोष करना पड़ा. लगातार वापसी के लिए संघर्ष कर रहे विकास को 2015 में ही वर्ल्‍ड एमेचर बॉक्सिंग चैंपियशिप के क्‍वार्टर फाइनल में हार कर बाहर होना पड़ा. रियो ओलिंपिक के 75 किग्रा वर्ग में भी वह अपनी लय हासिल नहीं कर पाए और प्रीक्‍वार्टर फाइनल में बाहर हो गए, लेकिन इंडोनेशिया एशियाड से पहले इसी साल ऑस्‍ट्रेलिया के गोल्‍ड कोस्‍ट में कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में उन्‍होंने गोल्‍ड जीतकर एक बार फिर भारत की उम्‍मीदें जगा दीं. गोल्‍ड कोस्‍ट में विकास ने एशियाड के लिए लय हासिल की थी और अब एशियाड 2020 टोक्‍यो ओलिंपिक के लिए उनकी लय तय करेगा.

वापसी को यादगार बनाने की कोशिश में थापा

25 साल के शिव थापा की इस एशियाड के लिए दल में जगह बनाने में सफल रहे. लगातार तीन एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी शिव पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं. गोल्‍ड कोस्‍ट कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में भी वह टीम में जगह बनाने में असफल रहे थे. इसके बाजवूद शिव कभी भी उलटफेर करने में सक्षम हैं. लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सबसे युवा मुक्‍केबाज रहे शिव 60 किग्रा में अपने पंच की ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं.

इन्‍हें कम आंकने की न करें गलती   

इनके अलावा गोल्‍ड कोस्‍ट कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में 49 किग्रा में सिल्‍वर मेडल जीतने वाले अमित पंघल, 52 किग्रा के गोल्‍ड मेडलिस्‍ट गौरव सोलंकी और 56 किग्रा में मोहम्‍मद हुआमुद्दीन भी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. 2017 में अमित ने एशियन चैंपियन‍शिप में सिल्‍वर जीता था और उनसे ए‍शियन बॉक्‍सर्स के सामने एक बार फिर मेडल की उम्‍मीद की जा सकती है.

एशियाड में हमेशा सब पर भारी पड़ती है हमारी महिला बाक्‍सर्स 

महिला मुक्‍केबाजों की बात करें तो मैरी कॉम की गैर मौजूदगी में वर्ल्‍ड चैंपियनशिप मेडलिस्‍ट सोनिया लाथर जकार्ता में महिला मुक्‍केबाजी दल का नेतृत्‍व करेंगी. वहीं मणिपुर की सरजूबाला देवी ने 2014 वर्ल्‍ड चैंपियनशिप में सिल्‍वर जीता था तो उन्‍हें भारत की दूसरी मैरी कॉम कहा जाने लगा था. हालांकि इनमें सबसे ज्‍यादा अनुभवी 31 वर्ष की पवित्रा के पास 60 किग्रा में भारत की झोली में मेडल डालने का मौका है एशियन गेम्‍स में महिला मुक्‍केबाजी में सिर्फ तीन भार वर्ग हैं और तीनों मुक्केबाज एशियाड में अपना पदार्पण करेंगी. गोल्‍ड कोस्‍ट में महिला मुक्‍केबाजों में से सिर्फ मैरी ही पोडियम तक पहुंची थीं, लेकिन यहां भारतीय महिला मुक्‍केबाजों का अच्‍छा रिकॉर्ड है. भारतीय महिला मुक्‍केबाजों को असली चुनौती चीन, कजाखिस्‍तान और कोरियन बॉक्‍सर्स से मिलेगी.