अगर एशियन गेम्स में भारत के पदकों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा पदक उसने एथलेटिक्स में जीते हैं. स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा जकार्ता में स्वर्ण पदक के सबसे बड़े दावेदार हैं. नीरज ने पिछले दिनों फिनलैंड में सावो खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल कर अपने दावे को पुख्ता किया है. नीरज ने चीनी ताइपे के चाओ सुन चेंग को हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया. दोनों खिलाड़ी फिनलैंड में एशियाई खेलों की तैयारियों में जुटे हैं. नीरज चोपड़ा अगर गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब होते हैं तो वह यह इतिहास रच देंगे.
नीरज ने 2017 में एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप और 2016 आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था. वह पिछले माह फ्रांस में सोतेविल एथलेटिक्स मीट में गोल्ड मेडल हासिल करने में सफल रहे थे. तब नीरज ने 85.17 की दूरी तक जेवलिन थ्रो किया था.
चाओ सुन चेंग को पछाड़ा है नीरज ने
कॉमनवेल्थ गेम्स के मौजूदा स्वर्ण पदकधारी 20 वर्षीय नीरज ने फिनलैंड के लापिनलाहटी में 85.69 मीटर के थ्रो से पहला स्थान हासिल किया. चेंग ने 82.52 मीटर का थ्रो फेंका, वह दूसरे स्थान पर रहे. 23 वर्षीय चेंग एकमात्र एशियाई हैं जिन्होंने 90 मीटर से दूर भाला फेंका है. उन्होंने पिछले साल ताइपे में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी खेलों में 91.36 मीटर दूर भाला फेंककर चीन के झाओ किंगांग का 89.15 मीटर का एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा था, जो उन्होंने इंचियोन 2014 एशियन गेम्स में बनाया था. लेकिन इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस महीने के शुरू में स्वीडन में 84.60 मीटर का था.
87.43 मीटर है नीरज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
नीरज का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 87.43 मीटर का है जो उन्होंने मई में दोहा में डायमंड लीग प्रतियोगिता के पहले चरण के दौरान बनाया था. नीरज इस सत्र में एशियाई सूची में शीर्ष पर चल रहे हैं. वह चेंग और कतर के अहमद बादेर मागोर (सत्र का सर्वश्रेष्ठ 83.71 मीटर) से आगे हैं. नीरज को 18 अगस्त को जकार्ता में होने वाले उद्घाटन समारोह के लिए भारतीय दल का ध्वज वाहक चुना गया है.
कॉमनवेल्थ गेम्स से कठिन होगी चुनौती
नीरज का मानना है कि एशियन गेम्स में चुनौती कॉमनवेल्थ गेम्स से कठिन होगी. नीरज ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर का थ्रो फेंका. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन से वह जकार्ता एशियन गेम्स में गोल्ड नहीं जीत सकेंगे. नीरज ने कहा, ‘कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतना अच्छा रहा. इससे आगे के सत्र के लिए आत्मविश्वास बढ़ेगा. इससे मुझे आत्मविश्वास मिला है कि मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकता हूं. अब मेरा लक्ष्य एशियन गेम्स में गोल्ड जीतना है.’