भारतीय टेनिल दल एशियाई खेलों के लिए इंडोनेशिया पहुंच गई है, लेकिन टीम में शामिल सबसे बड़ा नाम टीम के साथ नहीं दिखा. अनुभवी लिएंडर पेस टीम के साथ नहीं दिखे. वहीं मैन्स टीम के कोच और कप्तान जीशान अली को एशियाड में रविवार से शुरू होने वाली टेनिस इवेंट से तीन दिन पहले पेस के आगे की कोई जानकारी नहीं हैं. जीशान ने पीटीआई से कहा कि मुझे उसके आने की कोई जानकारी नहीं है. सिर्फ पेस ही आपको बता सकते हैं कि वह कब आ रहें हैं. पिछली बार जब मेरी उनसे बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि सिनसिनाटी में खेलेंगे और फिर पालेमबांग आएंगे, लेकिन वह वहां भी नहीं थे. इस बीच अभी यह भी तय नहीं है कि 18 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन पेस डबल्स में किसके साथ जोड़ी बनाएंगे. रोहन बोपन्ना और दिविज शरण का एक जोड़ी के रूप में कोर्ट पर उतरने की उम्मीद है. ऐसे में पिछली बार 2006 में एशियाई खेलों में खेलने वाले पेस अनुभवहीन सुमित नागल या एकल विशेषज्ञ रामकुमार रामनाथन के साथ जोड़ी बना सकते हैं. वर्ष 1994 में हिरोशिमा में पहली बार एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाले पेस पहले ही इस एशियाड में पांच गोल्ड अपने नाम कर चुके हैं और इन खेलों में अपने करियर का अंत सफलता के साथ करना चाहेंगे.
पेस के आने के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन बोपन्ना का कंधे की चोट से उबरना भारतीय टीम के लिए अच्छी खबर है. बोपन्ना दिविज के साथ यहां पहुंचे हैं. महिला टीम भी यहां पहुंच चुकी है जिसमें पदार्पण कर रही अंकित रैना और करमन कौर थंडी के अलावा प्रार्थना थोंबारे भी शामिल हैं, जिन्होंने चार साल पहले इंचियोन में सानिया मिर्जा के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था. फिटनेस और विंबलडन के बाद से मैच अभ्यास की कमी के बारे में पूछने पर बोपन्ना ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है. यह पहली बार नहीं है जब मैं चोट के बाद वापसी कर रहा हूं. अगर मैं शत प्रतिशत फिट नहीं होता तो मैं यहां नहीं आता.