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Asian Games 2018 : जिन्हें भेजने लायक तक नहीं मानती थी फेडरेशन, उन्होंने दिलाया ऐतिहासिक मेडल!

टीम चुनने के एक दिन बाद ही ईएफआई ने चयन रद कर दिया था, रवाना होने से केवल एक दिन पहले मान्यता कार्ड मिले थे

FP Staff

फवाद मिर्जा ने रविवार को जकार्ता रजत पदक जीतकर एशियन गेम्स की इक्वेस्ट्रियन (घुड़सवारी) प्रतियोगिता में पिछले 36 वर्षों बाद व्यक्तिगत पदक पाने वाला भारतीय बनने का गौरव हासिल किया, जबकि उनके प्रयासों से टीम भी दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही.

फवाद ने ऐसे समय में यह उपलब्धि हासिल की जब भारतीय घुड़सवारी टीम के लिए इंडानेशिया की राजधानी तक की राह आसान नहीं रही. भारतीय टीम को रवाना होने से केवल एक दिन पहले मान्यता कार्ड मिले थे. ऐसा इंडियन इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन (ईएफआई) की अंदरूनी कलह के कारण हुआ था क्योंकि ईएफआई ने चयन को अमान्य घोषित कर दिया था.


एशियन गेम्स में इक्वेस्ट्रियन में भारत को दो अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेना था. ये प्रतिस्पर्धाएं थीं इवेंटिंग और शो जंपिंग. टीम चुनने के एक दिन बाद ही ईएफआई ने चयन रद कर दिया था.  उस समय ईएफआई के अध्यक्ष अशोक आंबरे ने एक बयान जारी कर टीम सिलेक्शन को रद करने की जानकारी दी थी. अशोक आंबरे ने कहा था, 'एशियन गेम्स में खेले जाने वाले इवेंटिंग, शो जंपिंग और ड्रेसेज के लिए जरूरी मानकों पर टीम का कोई भी खिलाड़ी खरा नहीं उतरता इसलिए सेलेक्शन कमेटी ने टीम चुनते हुए साफ तौर पर गलती की है. ऐसे में अपने इस निर्णय को वापस लिया जा रहा है.'

लेकिन बाद में लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार ईएफआई ने एशियन गेम्स के लिए सात सदस्यीय टीम भेजने के लिए रजामंदी दे दी. अब नतीजा सबके सामने है. भारत ने इससे पहले इक्वेस्ट्रियन में तीन स्वर्ण सहित दस पदक जीते हैं. लेकिन इस खेल में भारत की तरफ से फवाद मिर्जा से पहले आखिरी व्यक्तिगत पदक 1982 में दिल्ली एशियन गेम्स में जीते गए थे. तब रघुवीर सिंह ने स्वर्ण पदक जीता था, जबकि भारत के गुलाम मोहम्मद खान ने रजत और प्रहलाद सिंह ने कांस्य पदक हासिल किया था.