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asian games 2018 : इंचियोन की कड़वीं यादों को भुलाने के लिए तैयार हैं तीरंदाज दीपिका कुमारी

दीपिका ने कहा, पदकों की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन हम इंचियोन से बेहतर करेंगे और इस बार पदकों के साथ लौटेंगे

Bhasha

भारत की स्टार रिकर्व तीरंदाज दीपिका कुमारी की एशियन गेम्स की तैयारियां बुखार से प्रभावित हुईं, लेकिन अब वह जकार्ता में 2014 इंचियोन की कड़वीं यादों को भुलाने के लिए तैयार हैं.  चार साल पहले वह कोरियाई शहर से खाली हाथ लौटी थीं.

वह पांच दिन से बुखार से पीड़ित थीं जिससे उनके जकार्ता रवाना होने में देरी हुई. तीरंदाजी दल 14 अगस्त को रवाना हो गया था. राष्ट्रमंडल खेलों की दो स्वर्ण पदकधारी तीरंदाज ने रवानगी से पहले कहा, ‘अब भी कमजोरी है और मैं मल्टीविटामिन ले रही हूं. लेकिन मुझे अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है.’ बुखार के कारण उनके अभ्यास में भी बाधा आई, लेकिन इस साल जून में साल्ट लेक सिटी में विश्व कप का स्वर्ण पदक (2012 के बाद उनका पहला व्यक्तिगत विश्व कप) जीतने के बाद वह आत्मविश्वास से भरी हैं.


दुनिया की पूर्व नंबर एक तीरंदाज ने कहा, ‘मैं लय में आ रही हूं और एशियन गेम्स के लिए इससे निश्चित रूप से मेरे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है. पदकों की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन मैं कह सकती हूं कि हम इंचियोन से बेहतर करेंगे और इस बार पदकों के साथ लौटेंगे.’

भारत ने इंचियोन खेलों में एक स्वर्ण सहित चार पदक जीते थे और ये सभी कम्पाउंड वर्ग में आए थे. महिलाओं की टीम चीन से कांस्य पदक का मुकाबला हार गई थी. दीपिका ने ग्वांग्झू 2010 एशियन गेम्स में टीम कांस्य जीता था. उन्होंने कहा, ‘बीते समय के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है. हमें अब बिना किसी तनाव के निशाना लगाना होगा. निश्चित रूप से थोड़ा दबाव होगा, लेकिन आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा.’