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Asian Games 2018: नाकामी से जूझ रहे प्रणॉय को खुद को करना होगा साबित

प्रणॉय ने 2017 के नवंबर में बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में पहली बार टॉप 10 में जगह बनाई थी

FP Staff

नाम- एस एस प्रणॉय

उम्र- 25 साल


खेल- बैडमिंटन

कैटेगरी- सिंगल्स

भारत की बैडमिंटन टीम से एक बार फिर देश मेडल की उम्मीद करेगा. पुरुष सिंगल्स के मुकाबले में भारत की ओर से किदांबी श्रीकांत के अलावा एच एस प्रणॉय भी भारतीय चुनौती पेश करेंगे. अपना पहला एशियन गेम्स खेल रहे एच एस प्रणॉय ने बीते साल अपने प्रदर्शन के दम पर टीम में अपनी जगह बनाई है. प्रणॉय ने साल 2017 में यूएस ओपन का खिताब जीता, वह पहली बार इंडोनेशिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे. प्रणॉय ने ली चोंग वेई, लिन डैन और छेन लोंग की दिग्गज तिकड़ी को हराने वाले पहले भारतीय हैं.

कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रणॉय ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. इसके बाद जुलाई में खेले गए इंडोनेशिया ओपन के क्वार्टरफाइनल में शी युकी से हार गए थे. थाइलैंड ओपन में उनका सफर राउंड ऑफ 16 में ही थम गया. वर्ल्ड चैंपियनशिप में तो उनका सफर राउंड ऑफ 32 में ही खत्म हो गया था.

उन्होंने 2017 के नवंबर में बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में पहली बार टॉप 10 में जगह बनाई थी.

16 साल की उम्र में शुरू की ट्रेनिंग

प्रणॉय ने बहुत जल्दी ही बैडमिंटन को अपना लिया था. 16 साल की उम्र में वह ट्रनिंग करने के लिए कोच पुलेला गोपीचंद की एकेडमी पहुंच गए थे. इसके बाद से उनके खेल में लगातार सुधार आया. प्रणॉय की सबसे बड़ी ताकत है उनकी फिटनेस जिसकी वजह से वह लागातर लंब मैच खेलने के बावजूद जल्दी थकते नहीं है.

इंडोनेशिया के खिलाड़ी तौफिक हिदायत को अपना रोल मॉडल मानते हैंऔर लोग भी उनकी तुलना उनसे करते हैं. 2017 मे प्रणॉय को कोच हानद्यू का साथ मिला जिसके बाद उनके प्रदर्शन में और भी सुधार आया. हालांकि साल के अंत तक वह चले गए लेकिन प्रणॉय ने इससे अपने खेल पर प्रभाव नहीं पड़ने दिया.