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69 मेडल@69 कहानियां: दो दिन में दो बार तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड और हिमा ने हासिल किया सिल्वर

कहानी 32: 400 मीटर में हिमा के सिल्वर जीता और साथ ही दो दिन में दूसरी बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा

FP Staff

अंडर 20 एथलेटिक्स में रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीतने वाली भारत की युवा एथलीट ने एशियन गेम्स सिल्वर जीतकर सभी उम्मीदो को पूरा किया. हिमा दास ने महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा का रजत पदक जीता. हिमा ने जीबीके मेन स्टेडियम में रविवार को आयोजित फाइनल में 50.79 सेकेंड के समय के साथ दूसरा स्थान हासिल किया और साथ ही दो दिन में दूसरी बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा. हिमा ने शनिवार को 51.00 सेकेंड के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ फाइनल में जगह बनाई थी. उन्होंने 2004 में चेन्नई में मनजीत कौर (51.05 सेकेंड) के बनाए 14 साल पुराने रिकॉर्ड में सुधार किया था.

इस स्पर्धा में बहरीन की सलवा नासिर ने 50.09 सेकेंड के साथ स्वर्ण जीता. यह नया एशियन रिकॉर्ड है.


एक किसान परिवार में जन्मीं हिमा के लिए यह सिर्फ शौक था जो खेतों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने तक सीमित था. तभी वहीं के लोकल कोच ने उन्हें एथलेटिक्स में खुद को आजमाने की सलाह दी. इसके बाद तक भी सब कुछ लगभग सामान्य था.

उसी दौरान डायरेक्टरेट ऑफ स्पोर्ट्स एंड वेलफेयर के कोच निपुन दास की नजर उन पर पड़ी. हिमा सस्ते स्पाइक्स पहनकर इंटर डिस्ट्रिक्‍ट की 100 और 200 मीटर स्पर्धा में दौड़ रही थीं. उन्होंने दोनों इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया. हिमा की तेजी ने निपुन को प्रभावित होने के साथ हैरान भी किया. उन्होंने सालों से इस तरह की प्रतिभा नहीं देखी थी. उन्होंने हिमा के परिवार से जाकर बात की और उन्हें गुवाहाटी ले आए. जो सपना उस वक्त शायद हिमा की आंखों में भी नहीं था निपुन उसे मुकम्मल करने की ठान चुके थे. छह बच्चों के मां-बाप अपनी सबसे छोटी बेटी तो खुद से दूर नहीं करना चाहते थे, लेकिन कोच निपुन के सामने उनकी एक ना चली. वो उसे गुवाहाटी के सारूसजाई स्पोर्ट्स कॉमपलेक्स ले आए यह जानते हुए कि वहां एथलीट्स के लिए कोई अलग विंग नहीं है. वहां खासतौर पर फुटबॉल और बॉक्सिंग के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया जाता था.

हालांकि हिमा दास ने यहां भी लोगों को अपनी प्रतिभा से चौंकाते हुए एकेडमी में जगह बना ली. इसके बाद तो उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा. खुद निपुन को इस प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी. शुरुआत में वो बस इतना चाहते कि हिमा एशियन गेम्स में रिले टीम का हिस्सा हों, लेकिन हिमा ने उम्मीद के परे प्रदर्शन करके उन्हें ऐसी गुरु दक्षिणा दी है जो निपुन कभी नहीं भूलेंगे.