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69 मेडल@69 कहानियां: डॉक्टर बनने की चाह रखने वाली हिना सिद्धू कैसे बन गई शूटर नंबर वन?

कहानी 30: वह बीडीएस कर चुकी थीं और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी

FP Staff

हिना सिद्धू भारत की स्टार निशानेबाज हैं. हिना सिद्धू ने एशियाड में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है. हालांकि इससे पहले वो 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मैडल जीत चुकी हैं. वहीं ग्वांग्झू एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक और साल 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में वो कांस्य पदक जीत चुकी हैं. हिना की निशानेबाजी ने उन्हें वर्ल्ड चैम्पियन भी बनाया है. साल 2013 की वर्ल्ड शूटिंग कॉम्पिटिशन में10 मीटर एयर पिस्टल टूर्नामेंट में  हिना ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मैडल जीता. ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला भी बनीं.

लेकिन शूटिंग में ये मुकाम हासिल करने वाली हिना असल में डॉक्टर बनना चाहती थीं. वो बीडीएस कर चुकी थीं. लेकिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के बीच में थोड़ा ब्रेक लेने के लिये बंदूक उठाना ही उन्हें शूटर बना गया. दरअसल हिना की जिंदगी में असली मोड़ पहले उनके भाई तो बाद में उनके कोच की वजह से आया. लुधियाना में पैदा हुईं हिना के भाई करनवीर सिंह खुद भी जूनियर स्तर पर शूटर थे. भाई को देखकर हिना को भी शूटिंग को शौक सवाल हुआ लेकिन ये सिर्फ शौक भर ही था. लेकिन उनके तकदीर में कुछ और ही तय था. मेडिकल इंट्रान्स की तैयारी के बीच निशानेबाजी के शौक ने उन्हें फुल टाइम निशानेबाज बना दिया. हिना को साल 2008 में इंटरनेशनल लेवल पर भारत की टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला. उसके एक साल बाद बीजिंग में हुई इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में हिना ने सिल्वर जीतकर जिंदगी की असली राह तय कर ली.


इसके बाद हिना की ज़िंदगी में दूसरा मोड़ तब आया जब उनकी मुलाकात कोच रौनक पंडित से हुई. दरअसल, हिना का साल 2012 के ओलिंपिक  के लिए  भारतीय टीम में सेलेक्शन हो गया था. शूटिंग प्रैक्टिस में रौनक ही हिना को शूटिंग के टिप्स देते थे. जल्द ही दोनों के रिश्तों की कैमिस्ट्री कुछ ऐसी जमी कि उन्होंने शादी का फैसला कर लिया. कहते हैं कि किसी कामयाब पुरुष के पीछे किसी महिला का हाथ होता है. लेकिन हिना के लिये कहा जा सकता है कि उनकी कामयाबी के पीछे उनके भाई और पति का बड़ा हाथ है.