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69 मेडल@69 कहानियां: जिस खेल से जुड़ी हैं परिवार की सात पीढ़ियां, उसी में देश को दिलाया मेडल!

कहानी 28 : फवाद अपने परिवार की सातवीं पीढ़ी हैं जो इस खेल को खेलने की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं

FP Staff

एशियन गेम्स में भारत ने 69 मेडल हासिल किए. मेडल लाने वालों में से कुछ ऐसे एथलीट भी हैं जिनसे शायद ही किसी ने मेडल की उम्मीद की होगी. यहां तक की उनके फेडरेशन को भी नहीं.

18वें एशियन गेम्स में भारत को 36 साल बाद इक्वेस्ट्रियन में देश को मेडल मिला. भारत के फवाद मिर्जा ने पिछले 36 वर्षों से व्यक्तिगत मेडल पाने वाला पहला भारतीय बनने का गौरव हासिल किया जबकि उनके प्रयासों से टीम भी दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही.


घुड़सवारी फवाद के खून में है. उनका परिवार कई पीढ़ियों से इस खेल में है. फवाद अपने परिवार की सातवीं पीढ़ी हैं जो इस खेल को खेलने की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. पेशे से जानवरों के डॉक्टर फवाद के पिता हसनेन मिर्जा ने उनको इस खेल से परिचित कराया. फवाद पांच साल की उम्र से ही इस खेल से जुड़ गए थे.फवाद जर्मन ओलंपियन बेटिना हाय से प्रशिक्षण ले रहे थे. उन्होंने पिछले साल इटली के मोंटेलब्रेटी में एशियाई खेल सीसीआई घुड़सवारी प्रतियोगिता के पहले दो ट्रायल्स में जीत दर्ज करके भारतीय टीम में जगह बनाई थी.

‘सिगनोर मेदिकोट’ नाम के घोड़े पर सवार मिर्जा ने ड्रेसेज और क्रॉस कंट्री क्वालिफायर्स में 22.40 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहते हुए जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया. उन्होंने जंपिग फाइनल्स में 26.40 के स्कोर के साथ सिल्वर मेडn जीता. जापान के ओइवा योशियाकी ने 22.70 के स्कोर के साथ गोल्ड जबकि चीन के अलेक्स ह्यून तियान (27.10) ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.