बैडमिंटन में भारत के लिए दूसरा दिन अच्छा नहीं रहा और भारतीय महिला टीम जापान से 3-1 से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई है. पीवी सिंधु ने दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी अकाने यामागुची को हराया, लेकिन खराब फॉर्म से जूझ रही सायना नेहवाल चार मैच अंक बचाने के बावजूद नोजोमी ओकुहारा से हार गई.
भारतीय महिला टीम ने इंचियोन में चार साल पहले ब्रॉन्ज जीता था. भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में दुनिया की सबसे मजबूत टीम से हार गई. सिंधू और यामागुची के बीच मुकाबला नजदीकी था, लेकिन सिंधु ने 21-18, 21-19 से जीत दर्ज की. उन्होंने 41 मिनट तक चले मुकाबले में जीत दर्ज करके भारत को बढ़त दिलाई. वह विश्व चैम्पियनशिप में भी यामागुची को हरा चुकी है. एन सिक्की रेड्डी और अराती सुनील को युकी फुकुशिमा और सायाका हिरोता ने 21-15, 21-6 से हराया.
निर्णायक गेम में लय कायम नहीं रख सायना
दूसरे महिला एकल मुकाबले में सायना ने शानदार वापसी करके दूसरे गेम में चार मैच अंक बचाए, लेकिन एक घंटे 11 मिनट तक चले मुकाबले 11- 21, 25 -23, 16-21 से हार गई. शुरुआत में साइना ने कई सहज गलतियां की, जबकि ओकुहारा काफी लय में थी. इसके बावजूद सायना ने दूसरे गेम में वापसी की लेकिन निर्णायक गेम में लय कायम नहीं रख सकी. करो या मरो के चौथे मुकाबले में सिंधु और अश्विनी पोनप्पा को मिसामी मत्सुतोमो और अयाका ताकाहाशी ने 21-13, 21-12 से हराया.
सायना पहले गेम में सिर्फ एक बार हावी होती नजर आई लेकिन ओकुहारा ने उसे कोई मौका नहीं दिया. वह 11-19 से पिछड़ गई और पहला गेम हार गई. दूसरे गेम में उसने वापसी की और पिछड़ने के बाद स्कोर 20-20 से बराबर किया. इसके बाद लगातार मैच पॉइंट बनाकर गेम जीता लेकिन निर्णायक गेम में लय कायम नहीं रख सकी.
भारत को मिला मुश्किल ड्रॉ
मैच के बाद सिंधू ने कहा, ‘‘यह काफी मुश्किल ड्रॉ था, पहले ही मैच में जापान से सामना कर पड़ा. मैं अपनी तरफ से भारत को शानदार शुरूआत दिलाने चाहती थी. डबल्स खिलाड़ियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. जापान ने रणनीतिक खेल खेला. सायना ने भी अपना सौ प्रतिशत दिया. वह तीसरे सेट में 16-16 की बराबरी पर थी, दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ स्कोर का ही अंतर था.
उन्होंने कहा कि जापानी खिलाड़ियों (मियाकी और अयाका) ने अच्छी रणनीति अपनाई , उन्होंने हमें गलतियां करने पर मजबूर किया. दुनिया की शीर्ष 10 टीमों का स्तर लगभग एक समान ही हैं. हम यह नहीं कह सकते की कौन मजबूत है कौन कमजोर. हालांकि सभी खिलाड़ी एक दूसरे से अलग हैं. पोनप्पा ने कहा कि वह सिंधु के साथ जोड़ी बनाकर ज्यादा नहीं खेलती लेकिन वह सर्वश्रेष्ठ विकल्प थी.