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अरुणा जिम्नास्टिक वर्ल्ड कप के फ्लोर इवेंट में सातवें स्थान पर

अरुणा इतिहास रचते हुए जिम्नास्टिक विश्व कप में व्यक्तिगत मेडल जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी थी

FP Staff

 भारत की अरुणा बी रेड्डी जिम्नास्टिक विश्व कप की वाल्ट स्पर्धा में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज जीतने के बाद यहां महिला फ्लोर इवेंट के अंतिम राउंड में सातवें स्थान पर रहीं.


अरुणा इतिहास रचते हुए जिम्नास्टिक विश्व कप में व्यक्तिगत मेडल जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी थी. लेकिन हैदराबाद की यह खिलाड़ी रविवार को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी और 10.833 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहीं

भारत के राकेश पात्रा भी पैरलल बार के अंतिम राउंड में सातवें स्थान पर रहे उन्होंने 13.433 अंक जुटाए जो गोल्ड मेडल विजेता चीन के शियाओमिंग वू से 1.400 अंक कम रहे.

दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 और 2014 एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता आशीष कुमार ने भी निराश किया और वह पुरुष वॉल्ट फाइनल राउंड में 13 . 583 अंक के साथ आठवें स्थान पर रहे.

भारत की इस युवा जिमनास्ट की पहली पसंद कराते थी और वे इसमें ब्लैक बेल्ट भी हैं. खेल प्रेमी नारायण रेड्डी की छोटी बेटी अरुणा बचपन से ही कराते सीख रही थी, लेकिन उनके पिता के दिमाग के कुछ और ही योजनाएं चल रही थी. अरुणा ने पिता ने उनके शरीर के लचीलेपन को देखते हुए 2002 में जिमनास्टिक्स में डाल दिया और जब अरुणा ने जब 2005 में अपना पहला नेशनल मेडल जीता तो उन्हें भी इससे प्यार हो गया, लेकिन उनके पिता की किस्मत में अपनी बेटी की सफलता को नहीं, बल्कि संघर्ष को देखना ही लिखा था.

नारायण 2010 में इस दुनिया को अलविदा कह गए. दीपा और अरुणा दोनों 2011 से एक साथ अभ्यास कर रही हैं. गौरतलब है कि शनिवार को अरुणा ने वॉल्ट स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता, वहीं भारत की प्रणति नायक इस स्पर्धा में छठें पायदान पर रही.