view all

फिटनेस से जुड़े सामानों की मांग गिरी, व्यापारियों ने की जीएसटी कम करने की मांग

एक सर्वे के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद बिक्री 50 से 60 फीसदी तक गिरी

FP Staff

जीएसटी लागू होने के बाद फिटनेस से जुड़े सामानों की बिक्री मे काफी गिरावट आई है. इसे देखते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन ने फिटनेस उत्पादों को खेल उत्पाद के साथ शामिल करने की मांग की है. इससे फिटनेस उपकरणों का टैक्स ब्रैकेट बदल जाएगा. ट्रेडर्स एसोसिएशन ने इस बारे में वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा है. मांग की गई है कि इन उपकरणों को भी 12 फीसदी टैक्स वाले ब्रैकेट में डाल दिया जाए, ताकि ये आम लोगों की पहुंच में आ सकें.

जीएसटी लागू होने के बाद पिछले चार महीनों की बिक्री को लेकर एक सर्वे किया गया. इसके तहत पूरे देश में यह जानने की कोशिश की गई कि बिक्री क्यों गिरी है. इन सर्वे में सामने आया कि जीएसटी के बाद बिक्री में 50 से 60 फीसदी कमी आई है. लोगों ने कहा कि जीएसटी के बाद फिटनेस उपकरण खरीदने की क्षमताओं में कमी आई है. लोगों ने माना है कि ये उपकरण उनके और परिवार के लिए बहुत जरूरी हैं. लेकिन अब वे डंबवेल, योग जैसे सामान भी नहीं खरीद पा रहे. ट्रेडमिल और बाकी महंगे सामान तो पहुंच से बहुत दूर जा रहे हैं.


ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ गुड्स एंड फिजिकल एक्सरसाइज एक्विपमेंट के अध्यक्ष डॉ. दिनेश कपूर ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा, ‘स्वस्थ भारत के लिए हम वित्त मंत्री अरुण जेटली से प्रार्थना कर रहे हैं कि इन उपकरणों को 12 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया जाए.’ डॉ. कपूर ने कहा कि जीएसटी कम करने से हुए नुकसान की भरपाई से भी कहीं ज्यादा मिलेगा, जब लोग स्वस्थ और खुश रहेंगे. इससे देश की उत्पादकता में फर्क पड़ेगा.