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महिला युवा बॉक्सिंग चैंपियनशिप: भारत की दो और बॉक्सर्स की फाइनल में एंट्री

अब तक इस चैंपियनशिप में भारत की पांच बॉक्सर्स फाइनल में पहुंच चुकी हैं

Bhasha

भारतीय बॉक्सर्स ने एआईबीए महिला युवा विश्व चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन जारी रखा तथा दो और बॉक्सर्स ने फाइनल में प्रवेश किया जिसमें अब खिताबी भिड़ंत में इनकी कुल संख्या पांच हो गई है.

नीतू (48 किग्रा) और साक्षी चोपड़ा (54 किग्रा) ने आज अपने वर्ग की सेमीफाइनल बाउट जीती जिससे भारत का इस प्रतियोगिता में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी है जो पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है.


हालांकि अनुपमा (81 किग्रा) को अपनी पहली ही बाउट में रूस की अनास्तासिया रिबाक से सर्वसम्मत फैसले में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. उन्हें अपने वजन वर्ग में ड्रा में कम मुक्केबाजों के होने से सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश मिला था.

भारत के इतालवी कोच राफाएले बर्गामास्को ने कहा, ‘मेरी सभी मुक्केबाजों का यह लाजवाब प्रदर्शन है. उन्होंने सिर्फ तकनीक ही नहीं बल्कि अपने से मजबूत प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ काफी शानदार प्रदर्शन किया. ’ नीतू आज चीन की युआन निए के खिलाफ सबसे पहले रिंग में उतरीं. पहले दो दौर में दोनों बराबरी पर थीं लेकिन अंतिम दौर में नीतू ने अपने सटीक पंचों से जजों को प्रभावित किया.

अब नीतू फाइनल में कजाखस्तान की झाजिरा उराकबाएवा से भिड़ेंगी जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में आयरलैंड की कैटलिन फ्रायर्स को मात दी. फिर साक्षी ने जापान की इरी सेना को आसानी से शिकस्त दी.

शुक्रवार को  ज्योति गुलिया (51 किग्रा), शशि चोपड़ा (57 किग्रा) और अंकुशिता बोरो (64 किग्रा) ने विपरीत जीत दर्ज करते हुए अपने वजन वर्गों के फाइनल में प्रवेश किया था.नेहा यादव ने हालांकि 81 किग्रा से अधिक वजन के वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया, वह कल अपनी पहली बाउट में हार गयी थीं.

यह भारत का इस प्रतियोगिता में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा, टीम ने 2011 सत्र के बाद से एक भी स्वर्ण पदक नहीं जीता है जिसमें सरजूबाला देवी शीर्ष पर रहीं थीं. वर्ष 2015 सत्र में भारत ने महज एक कांस्य पदक अपने नाम किया था.