view all

एजलेस वंडर लिएंडर 45 साल की उम्र में भी जवान

ऑस्ट्रेलियन ओपन में दूसरे राउंड में हारने के दौरान एक वॉली पर उन्होंने कलामुंडी खाकर जो रिटर्न लगाया, उसने 20 साल पहले वाले पेस की याद दिला दी.

Manoj Chaturvedi

टेनिस को पावर का खेल माना जाता है, इसलिए आमतौर पर 33-34 साल की उम्र तक खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं. इसे दो दिग्गज खिलाड़ियों ब्योर्न बोर्ग के 26 साल और सम्प्रास के 33 साल की उम्र में संन्यास लेने से समझा जा सकता है. कई बार खिलाड़ी जज्बे वाले होते हैं तो वह अपने करियर को किसी तरह 37-38 साल तक खींच लेते हैं. लेकिन कोई खिलाड़ी 45 साल की उम्र में भी चुस्त दुरुस्त नजर आए तो हैरत होना स्वाभाविक है. ऐसा करने वाला खिलाड़ी कोई और नहीं अपने लिएंडर पेस ही हैं. पेस अभी भी टूर्नामेंटों में पूरी तन्मयता से खेलते नजर आ रहे हैं.

लिएंडर पेस हैं फिटनेस मास्टर


अभी कुछ दिनों पहले लिएंडर पेस साल के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन में भाग ले रहे थे. यह सही है कि वह किसी समय महिला एकल में नंबर एक खिलाड़ी रह चुकीं सामंता स्टोसुर के साथ जोड़ी बनाकर वह दूसरे राउंड में हारकर बाहर हो गए. लेकिन दो मैचों के दौरान 45 वर्षीय लिएंडर पेस को जिस किसी ने खेलते देखा होगा, वह प्रभावित हुए बगैर नहीं रहा होगा. इन मैचों में लिएंडर की कोर्ट कवरेज देखकर मैं दंग रह गया. वह फुर्ती के साथ गेंद तक पहुंच रहे थे और नेट पर आकर नपी तुली वॉलियां लगा रहे थे. यह सब लिएंडर की फिटनेस की देन थी. दूसरे राउंड में एन्ना ग्रोइनफेल्ड और रोबर्ट फराह से 6-4, 4-6, 8-10 से हारने के दौरान एक वॉली पर उन्होंने कलामुंडी खाकर जो रिटर्न लगाया, उसने 20 साल पहले वाले पेस की याद दिला दी. इस तरह का प्रदर्शन आमतौर पर खिलाड़ी 35 साल की उम्र में करते नजर नहीं आते हैं. पेस हमेशा ही जज्बे वाले खिलाड़ी रहे हैं और खेलते समय अपना 120 प्रतिशत देने का प्रयास करते रहे हैं. यह खूबियां ही उन्हें सबसे ज्यादा उम्र में ग्रैंड स्लैम खिताब जिताने में कामयाब रही हैं.

दो साल पहले हुए थे अन्याय के शिकार

यह बात अप्रैल 2017 की है. भारत को उज्बेकिस्तान के साथ एशिया-ओसेनिया ग्रुप एक डेविस कप मुकाबला खेलना था. इस समय टीम के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति को बनाया गया था. इसके लिए एआईटीए की चयन समिति ने लिएंडर पेस को संभावितों में रखकर भूपति पर अंतिम चयन छोड़ दिया था. इस पर भूपति ने पेस से साफ कह दिया कि आपकी सेवाओं की जरूरत नहीं है. पेस को 27 सालों में पहली बार ऐसी समस्या झेलनी पड़ी थी. दिलचस्प बात यह है कि पेस इस समय डेविस कप में 42 युगल मुकाबलों के रिकॉर्ड की बराबरी पर थे. पर पेस की खराब फिटनेस और फॉर्म को देखकर यह फैसला किया गया था. बाद में पेस ने पिछले साल बोपन्ना के साथ जोड़ी बनाकर चीन के खिलाफ जीत पाकर 43 युगल जीतों का रिकॉर्ड बना दिया. पर पेस जैसे खिलाड़ी के साथ इस तरह का व्यवहार कतई उचित नहीं कहा जा सकता है. बेहतर तो होता कि उन्हें संभावितों में ही नहीं चुना जाता.

फिटनेस के लिए क्या करते हैं वह

लिएंडर पेस को कोर्ट पर बिजली की सी तेजी से कोर्ट पर मूव करने वाला खिलाड़ी माना जाता है. वह आज भी बिना ब्रेक के लंबे समय तक खेलने की क्षमता रखते हैं. 45 साल की उम्र में भी उनके रिफलेक्सस का जवाब नहीं है. यही नहीं वह खेल के दौरान आज भी एक्रोबेटिक का इस्तेमाल करते हैं. वह फिट रहने के लिए पिलेट्स एक्सरसाइज करते हैं. इससे खासतौर से पीठ की मसल्स को सहज बनाया जाता है. वह स्टेमिना बनाने के लिए प्रतिदिन साइक्लिंग भी करते हैं. इससे पैरों की मसल्स भी मजबूत होती हैं, वैसे भी टेनिस में मजबूत पैरों की बहुत अहमियत है. वह कोर्ट में चपलता बनाए रखने के लिए भी एक्सरसाइज करते हैं. पेस अपने युवा दिनों में प्रतिदिन कोर्ट पर सात घंटे बिताते थे. लेकिन अब उम्र बढ़ने पर उन्होंने कोर्ट पर समय बिताना कम कर दिया है. पर वह कंधे की मसल्स, घुटना और पीठ का  निचला हिस्सा मजबूत करने के व्यायाम नियमित रूप से करते है.  लिएंडर के पिता विस पेस तीन माह के लिए फिटनेस कार्यक्रम बनाते हैं. वहीं ट्रेनर संजय सिंह भी फिटनेस के मामले में मदद करते हैं.

खाने पर रखते हैं विशेष ध्यान

लिएंडर पेस मानते हैं कि फिटनेस के लिए संतुलित खाना बेहद जरूरी है. इसलिए वह खाने के मामले में सख्त नियमों का पालन करते हैं. वह ऐसा खाना खाते हैं, जो स्वास्थ के लिए लाभकारी हो. वह शाकाहारी भोजन करते हैं. पेस के अनुसार वह जिन दिनों में चेन्नई में प्रशिक्षण ले रहे थे, उन दिनों मेरे फिटनेस कोच डेव ओ मेरा ने मांस खाने का शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को बताया और उन्हें 12 साल की उम्र में शाकाहारी बना दिया. वैसे भी मांस के मुकाबले सब्जियां, फल और फाइबर बहुत जल्दी पचते हैं. पेस कहते हैं कि मार्टिना नवरातिलोवा के साथ खेलने के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला. सही मायने में उन्होंने खेल के ढंग को बदलने में मदद की और हेल्दी रहने के तरीके बताए. नवरातिलोवा के साथ उन्होंने दो ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और दो में उपविजेता रहे हैं. उन्हें वह प्रेरणा देने वाला मानते हैं.

बेस्ट पीछे छूटा पर खेलने का इरादा

इसमें कोई दो राय नहीं कि लिएंडर पेस अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ चुके हैं. उन्होंने अपने 18 ग्रैंड स्लैम खिताबों का अंतिम खिताब 2016 में फ्रेंच ओपन के रूप में जीता था. इसके बाद वह रैंकिंग में भी पिछड़ते गए और आजकल 62वीं रैंकिंग तक पिछड़ चुके हैं. हर आने वाले सीजन में उनसे संन्यास लेने की उम्मीदें लगाई जाती हैं. लेकिन उनका संन्यास लेने का अभी कोई इरादा नहीं है. वैसे भी अभी वह पूरी फिटनेस के साथ खेल रहे हैं. लिएंडर पेस कहते भी हैं कि मुझे जब तक खेलने में लुत्फ आएगा मैं खेलूंगा और अभी मुझे खेलना अच्छा लग रहा है, इसलिए संन्यास का अभी इरादा नहीं है.