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मैराथन जीतने के बाद भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन पर भड़के नितेंद्र रावत

राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं मिलने से थे नाराज

Bhasha

दिल्ली हाफ मैराथन में रविवार को भारतीय पुरूषों में अव्वल रहने वाले ओलंपियन नितेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय शिविर में जगह नहीं मिलने पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) पर निशाना साधते हुए कहा कि इस जीत के बाद शिविर के लिए उनका दावा और मजबूत होता है.

रावत को अगले साल होने वाली राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की तैयारी के लिए राष्ट्रीय शिविर में शामिल नहीं किया गया क्योंकि एएफआई का मानना है कि उनका हालिया प्रदर्शन तय मानकों के अनुरुप नहीं है.


उन्होंने कहा, ‘ मैं यहां कुछ साबित करने आया था. राष्ट्रीय शिविर के लिए मेरे नाम पर विचार नहीं किया गया और मैं रानीखेत में सेना की अपनी इकाई में खुद तैयारी कर रहा हूं. मैंने साबित किया कि पूरी तरह फिट हूं और लंबी दूरी में देश के शीर्ष धावकों में से हूं.’

रावत ने 1:03:53 का समय निकालकर कोर्स का नया रिकॉर्ड बनाया. हालांकि नाटकीय फोटो फिनिश में जी लक्ष्मणन ने भी यही समय निकाला, लेकिन दशमलव के बाद की गणना के आधार पर रावत विजेता बने. रियो ओलंपिक में भाग लेने वाले 31 वर्ष के रावत निराशाजनक 84वें स्थान पर रहे थे.