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CWG 2018 : जिमनास्टिक में पहला मेडल जीत इतिहास रचना है अरुणा का लक्ष्य

मेलबर्न में हुए विश्व कप में रेड्डी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने वाली अरुणा इस बार भारत के लिए बड़ी उम्मीद होंगी

FP Staff

नाम- अरुणा रेड्डी

खेल- जिमनास्टिक


उम्र- 22 साल

कैटेगरी - वॉल्ट इवेंट 

2016 ओलिंपिक में दीपा कर्माकर के प्रदर्शन के बाद से देश पहली बार कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल की उम्मीद करेगा. दीपा के बाद भारत के कई जिमनास्ट ने अपने प्रदर्शन से देश को नई उम्मीदें दी और इस खेल को देश में लोकप्रियता मिलने की शुरुआत हुई. उन्हीं में से एक हैं अरुणा रेड्डी. रेड्डी जिमनास्टिक विश्व कप में सिंगल्स कैटेगरी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं. मेलबर्न में हुए विश्व कप में रेड्डी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. महिलाओं की वॉल्ट में 22 वर्षीय रेड्डी 13.649 अंक के साथ तीसरे पायदान पर रहीं.

2005 में रेड्डी ने अपना पहला राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीता था. 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में वॉल्ट इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में 14वें स्थान पर रहीं थी. वहीं एशियन गेम्स में नौवें स्थान पर रहीं. अरुणा ने धीरे-धीरे अपने प्रदर्शन में सुधार किया और 2017 एशियन चैंपियनशिप में वॉल्ट में छठे स्थान पर रहीं. दुनिया में जिमनास्टिक में भारतीय चुनौती 2010 से देखने को मिल रही है.

भारत की इस युवा जिमनास्ट की पहली पसंद कराते थी और वह इसमें ब्लैक बेल्ट भी हैं. खेल प्रेमी नारायण रेड्डी की छोटी बेटी अरुणा बचपन से ही कराते सीख रही थी, लेकिन उनके पिता के दिमाग में कुछ और ही योजनाएं चल रही थीं. अरुणा ने पिता ने उनके शरीर के लचीलेपन को देखते हुए 2002 में जिमनास्टिक्स में डाल दिया और जब अरुणा ने जब 2005 में अपना पहला मेडल जीता तो उन्हें भी इससे प्यार हो गया, लेकिन उनके पिता की किस्मत में अपनी बेटी की सफलता को नहीं, बल्कि संघर्ष को देखना ही लिखा था. नारायण 2010 में इस दुनिया को अलविदा कह गए. दीपा और अरुणा दोनों 2011 से एक साथ अभ्यास कर रही हैं. इस बार वह देश के लिए मेडल लाने की बड़ी उम्मीद होंगी.