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‘पूरे घर’ के बदल डालो, लोढ़ा पैनल का सुझाव

लोढ़ा पैनल ने क्रिकेट में सुधार के लिए रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद तनातनी चल रही है.

FP Staff

नई दिल्ली. लोढ़ा पैनल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सभी पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया जाए. जस्टिस लोढ़ा पैनल ने पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै को ऑब्जर्वर बनाने की सिफारिश की है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑब्जर्वर ही उसके बाद ऑडिटर को नियुक्त कर सकता है. भविष्य में होने वाले आईपीएल या अन्य किसी अहम इवेंट के लिए मीडिया राइट्स सहित बाकी फैसले लेने का काम ऑब्जर्वर कर सकता है.


जस्टिस लोढ़ा पैनल ने क्रिकेट में सुधार के लिए अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद लगातार उनके और बीसीसीआई के बीच तनातनी चल रही है. बीसीसीआई ने बार-बार कहा है कि रिपोर्ट को पूरी तरह लागू कर पाना संभव नहीं है. दूसरी तरफ, लोढ़ा पैनल ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि बीसीसीआई के पदाधिकारी उनके साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट का रुख भी सख्त 

सुप्रीम कोर्ट का रुख भी बीसीसीआई को लेकर सख्त रहा है. 17 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. बीसीसीआई की तरफ से आग्रह किया गया था कि लोढ़ा पैनल की रिपोर्ट लागू करने के लिए उसे और वक्त चाहिए. हालांकि एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट से आग्रह किया था कि या तो प्रशासक नियुक्त करें या लोढ़ा पैनल को ऐसा करने के लिए कहें.

बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पैनल के कई सुझाव बोर्ड ने मान लिए हैं और अगर उन्हें वक्त दिया जाए, तो वे तमाम राज्य संघों को सुझाव मानने के लिए मना सकते हैं. सिब्बल ने ये भी कहा था कि बीसीसीआई को तीन चौथाई सदस्यों की मंजूरी की जरूरत होती है. बीसीसीआई ने एक राज्य–एक वोट की सिफारिश का भी विरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को सिफारिशें लागू करने के लिए 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था. राज्य संघों को धन आवंटित करने पर भी रोक लगा दी गई थी.