पिछले कुछ दिनों से लोगों की ज़ुबान पर एक ही नाम है शाइजू दामोदरन. शाइजू दामोदरन प्रसिद्ध फुटबॉल कमेंटेटर जो कि इस फीफा वर्ल्ड कप के दौरान मलयालम में की गई अपनी कमेंट्री की वजह से काफी मशहूर हो गए. अपनी हालिया छुट्टी के दौरान शाइजू दामोदरन को करीब 150 फोन आए. ज्यादातर फोन उस सेंटर की जानकारी के लिए थे, जिसमें कमेंटेटर्स को ट्रेनिंग दी जाती है. जब मैंने उन्हें बताया कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है तो कुछ लोगों ने मुझसे कहा, "मैं ही एक ऐसा सेंटर क्यों नहीं शुरू करता?
कमेंटरी ने किया वायरल
शाइजू इस वक्त सबसे फेमस फुटबॉल कमेंटेटर हैं और इस वर्ल्ड कप के दौरान अपनी मलयाली फुटबॉल कमेंट्री के चलते दुनिया भर में वायरल हो चुके हैं. शाइजू दामोदरन की लीक से हटकर की जा रही हाई वोल्टेज कमेंट्री और वनलाइनर्स का जबरदस्त पंच आनंद महिंद्रा सहित दुनिया के कोने-कोने से लोगों को अपनी तरफ खींच रहा है.
शाइजू कहते हैं, 'एक दिन मुझे फीफा के मीडिया ऑफिसर क्रिस्टोफर राज की तरफ से मैसेज मिला कि वे रूस में मलयालम कमेंट्री देख रहे हैं. और मैं अपनी भाषा को क्या ही दे सकता हूं?'
45 साल के शाइजू ने अपनी प्रेरणा के बारे में बताया, 'रे हडसन और मार्टिन टेलर मेरे हीरो हैं. जब मैं हडसन की ला लीगा (स्पेनिश फुटबॉल लीग) या टेलर की इंग्लिश प्रीमियर लीग की कमेंट्री सुनता हूं तो भले ही मुझे शब्द दर शब्द बात न समझ आए, पर खेल कैसा चल रहा है मुझे इसका एहसास होता रहता है. मैं उनके जैसा ही करने की कोशिश करता हूं.'
इंडियन सुपर लीग में भी थे आकर्षण का केंद्र
आज जाने-पहचाने नाम शाइजू ने कमेंट्री को जोश और विविधता से भर दिया है. इंडियन सुपर लीग (ISL) में केरल ब्लास्टर्स के खेलने के दौरान भी शाइजू कमेंट्री बॉक्स में आकर्षण का केंद्र हुआ करते थे.
2014 में आईपीएल की शुरुआत से ही, फुटबॉल फैन सिर्फ शाइजू की कमेंट्री को ही सुनते हैं. हालांकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने उनकी कमेंट्री को नाटक कहा है.शाइजू केवल अपने प्रशंसकों के बारे में सोचते हैं और कहते हैं, 'मैं इन्फोटेनमेंट बनाने के लिए जानकारी (इन्फॉर्मेशन) का मनोरंजन (इंटरटेनमेंट) के साथ घालमेल कर देता हूं. दर्शक मेरे स्टाइल और कमेंट्री को पहचान लेते हैं.
हाल ही में, उन्होंने ब्राजील-स्विट्जरलैंड मैच को 'ब्राजील प्रशंसक 1- अर्जेंटीना प्रशंसक 1' कहकर खत्म किया. जो कि अर्जेंटीना प्रशंसकों को इस मैच से हो रही खुशी पर एक तीखा व्यंग्य था, जिनके सिर इससे पहले उनकी टीम के आइसलैंड के साथ ड्रॉ के चलते लटके हुए थे.
शाइजू का कहना है, 'आपको शब्दों के इस्तेमाल के साथ बेहद सावधान रहना होता है. खासकर तब, जब अर्जेंटीना या ब्राजील का मामला हो. दोनों में से किसी पर एक भी शब्द ज्यादा बोलने पर प्रशंसकों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है.'
20 साल की उम्र से कर रहे हैं कमेंटरी
इस लीड कमेंटेटर ने 220 से ज्यादा ISL मैचों में कमेंट्री की है और लगातार दोनों लैटिन अमेरिकी टीमों के केरल में रहने वाले प्रशंसकों के दबाव में रहते हैं.
शाइजू बताते हैं कि केरल के प्रमुख अख़बार मातृभूमि में एक पत्रकार के रूप में गुजारे सालों ने उनके रिसर्च बेस और नई तरह की प्रजेंटेशन स्टाइल को बनाया.
वे चुटकी लेते हैं, 'मैं बीस साल एक पत्रकार था और अगर बिल्कुल सही से कहूं तो कमेंट्री करने के दौरान मैं उन्हीं जड़ों की ओर लौटता हूं. हालांकि मैं आज उस वक्त से ज्यादा खुश हूं. मैंने सही समय पर करियर में बदलाव किए.' शाइजू ने मातृभूमि की स्पोर्ट्स मैग्जीन में एक ट्रेनी के रूप में करियर की शुरुआत की थी और बाद में करियर में ऊपर उठते रहे. बाद में जब कोच्ची में 2017 में अंडर-17 वर्ल्ड कप मैच हुए तो उनमें वे वेन्यू मीडिया मैनेजर थे.
एक्सपर्ट साथी बिनेश किरन का पूरा साथ मिला
इस वायरल स्टार को अपने एक्सपर्ट साथी बिनेश किरन का पूरा साथ मिला. बिनेश कहते हैं, 'शाइजू चेट्टन (भाई) हम सबसे अलग लीग के हैं.' बीनेश केरल की फुटबॉल टीम के कप्तान रह चुके हैं.
साथ ही बीनेश बताते हैं, 'मैं बिना किसी औपचारिक ट्रेनिंग के कमेंट्री की दुनिया में आया. हालांकि एक फुटबॉलर के तौर पर, मैं जानता था कि कैसे नई परिस्थितियों को संभालना है. मैंने शाइजू का साथ देने की कोशिश की है. मैं आज भी यह देखकर चकित रहता हूं कि हर मैच से पहले वह कितना जोश दिखाते हैं. औसतन, रोज तीन मैच होते हैं और हर मैच के लिए 100 मिनट.'
केरल में फुटबॉल का बाजार देश के सबसे मजबूत बाजारों में से एक है और यह हर आने वाली पीढ़ी के साथ और बड़ा होता जाएगा. शाइजू कहते हैं, 'पिछले वर्ल्ड कप के दौरान कोई मलयालम कमेंट्री नहीं थी. अब आप इसे हर फुटबॉल फेस्टिवल में देख सकते हैं.'
(साभार- न्यूज 18)