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फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप: स्टेडियम ही खाली नहीं हैं, टीवी पर भी नहीं मिल रहे हैं दर्शक

पहले हफ्ते में बेहद कम रही टूर्नामेंट के मुकाबलों की रेटिंग, भारत के बाहर होने के बाद अब टीआरपी के और ज्यादा गिरने की आशंका

Sumit Kumar Dubey

देश में फुटबॉल का अबतक का सबसे बड़ा इवेंट यानी फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप खेला जा रहा है. टूर्नामेंट के ऑर्गनाइजिंग कमेटी के साथ-साथ भारत सरकार का खेल मंत्रालय, खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ और खुद प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी तक ने इसका प्रचार किया है. खेल मंत्रालय ने तो इसको लोकप्रिय बनाने के लिए हजारों की संख्या में फ्री टिकिट्स भी बांटे लेकिन अब तक ज्यादातर स्टेडियम खाली ही नजर आए हैं. और अब टेलीविजन रेटिंग्स के भी आंकड़े सामने आ गए हैं.

पहले हफ्ते के आंकड़े बता रहे हैं कि फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप ना सिर्फ स्टेडियम में बल्कि टेलीविजन सेट पर भी दर्शकों का ध्यान खींचने में नाकाम रहा है. यानी टेलीविजन पर भी भारत में इस टूर्नामेंट को ज्यादा दर्शक नहीं मिल सके हैं.


निराशाजनक है टेलीविजन रेटिंग्स

टेलीविजन की दुनिया में रेटिंग्स यानी टीआरपी का हिसाब-किताब रखने वाली संस्था बार्क ने पिछले हफ्ते के आंकड़े जारी कर दिए हैं. फीफा वर्ल्डकप के लिहाज से यह आंकड़े बेहद निराश करने वाले हैं. इस टूर्नामेंट में भारत का पहला मैच यानी अमेरिका के खिलाफ दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया मुकाबला, टूर्नामेंट के बाकी मुकाबलों की तुलना में तो टीवी पर सबसे ज्यादा देखा गया लेकिन बात अगर ओवरऑल रेटिंग की करें तो यह बेहद कम रही.

भारत अमेरिका के बीच छह अक्टूबर को खेले गए फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप के मुकाबले का सीधा प्रसारण सोनी टेन 2, सोनी टेन 3, सोनी टेन एचडी और डीडी स्पोर्ट्स पर संयुक्त रूप से किया गया. बार्क के आंकड़ों के मुताबिक इसे 3,457,000 लोगों ने देखा और इसका कुल शेयर रहा महज 0.44 फीसदी.

क्रिकेट की तुलना में बहुत पीछे

इसकी तुलना अगर उसी दौरान स्टार स्पोर्टस पर दिखाए गए भारत-ऑस्ट्रेलिया के पांचवें वनडे के आंकड़ों से करें तो पता चलता है कि फुटबॉल क्रिकेट से कितना पीछे हैं. एक अक्टूबर को स्टार स्पोर्ट्स के इंग्लिश, हिंदी, तमिल और डीडी प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए क्रिकेट मैच को  26,414,000 लोगों ने देखा और रेंटिंग रही 3.39 फीसदी. आईपीएल के मुकाबलों की रेंटिंग भी लगभग इतनी ही रहा करती है.

यही नहीं भारत फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप में भारत के मैच को छोड़ दें तो रेटिंग हाल और भी ज्यादा बुरा है. कोलंबिया और घाना के मैच को 828,000 दर्शकों ने टेलिविजन पर देखा रेटिंग रही 0.08 फीसदी. न्यूजीलैंड और तुर्की के मुकाबले को 0.02 फीसदी रेटिंग पॉइंट्स के साथ टेलीविजन पर महज 146,000 दर्शक ही मिल सके.

वहीं पराग्वे और माली के बीच के मुकाबले को 230,000 दर्शक ही मिले और रेटिंग रही 0.03 फीसदी. भारतीय टीम पहले तीनों मुकाबले हार कर बाहर हो चुकी है. ऐसे में अब इस टूर्नामेंट की टेलीविजन रेंटिंग्स और ज्यादा गिरने की आशंका है.

ऐसा नहीं है कि भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता कम हो. भारत में यूरो कप की रेटिंग 1 के करीब रहती है वहीं फीफा वर्ल्डकप की रेटिंग इससे थोड़ी ज्यादा ही रहती है. हालांकि ब्रॉडकास्टर और आयोजन समिति से लिए राहत की बात यह है कि इसी दौरान यानी एक अक्टूबर को फुटबॉल की ही प्रीमियर फुटसाल लीग का फाइनल भी खेला गया था जिसे महज 121,000 दर्शकों ने टेलीविजन पर देखा था और उसकी रेटिंग रही थी 0.02 फीसदी.

यानी भारत में खेले जा रहे फुटबॉल के बाकी टूर्नामेंट्स के मुकाबले फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप टेलीविजन पर ज्यादा दर्शकों को खींचने में तो कामयाब जरूर रहा है लेकिन भारत में क्रिकेट को टक्कर देने के लिए अभी फुटबॉल को लंबा सफर तय करना होगा.