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अलविदा 2017 : भारत का रैंकिंग में टॉप 100 में पहुंचना और फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी विशेष उपलब्धि

अपनी टीम के प्रदर्शन और विश्व स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन से भारत ने इस साल छाप छोड़ी

Sachin Shankar

मई की शुरुआत में भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ी खबर आई. आम खेलप्रेमियों को यह खबर कोई खास नहीं लग सकती है, लेकिन भारतीय फुटबॉल के इतिहास में यह सिर्फ तीसरा मौका था, जब भारतीय टीम की रैंकिंग 100 या 100 के भीतर पहुंची थी. इससे पहले भारतीय टीम वर्ष 1996 में 94वीं रैंकिंग पर पहुंची थी. इस साल जुलाई में भारतीय फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग में 96वें स्थान पर पहुंच गई जो उसकी दो दशक में अभी तक की सर्वश्रेष्ठ और ओवरऑल दूसरी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हैं.

भारत की अभी तक की सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग 94 रही थी, जो उसने फरवरी 1996 में हासिल की थी, जबकि इससे पहले टीम की दूसरी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 99 थी जिस पर वह नवंबर 1993 में पहुंची थी. टीम ने साल का अंत 105वें स्थान से किया. जबकि भारत ने साल की शुरुआत 129वें स्थान से की थी. एशियाई देशों में भारतीय टीम कतर से ठीक नीचे 15वें स्थान पर है, लेकिन टीम जोर्डन,  बहरीन और उत्तरी कोरिया से ऊपर है.


 

टीम ने पिछले दो वर्षो में 77 पायदान की छलांग लगाई है. जब स्टीफन कांस्टेनटाइन ने फरवरी, 2015 में दूसरी बार राष्ट्रीय टीम का कोच पद संभाला तो भारतीय टीम 171 रैंकिंग पर काबिज थी और मार्च 2015 में 173वें स्थान पर खिसक गई थी, जबकि उनके मार्गदर्शन में टीम ने एक भी मैच नहीं खेला था. रैंकिंग के इस खेल में भारतीय कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन और उनकी टीम का अहम रोल रहा है. भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों और युवा खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय टीम के रैंकिंग पर चढ़ने की खबर आने वाले समय में उत्साह बढ़ाने वाली साबित हो सकती है.

अंडर-17 वर्ल्डकप ने तोड़े कामयाबी के रिकॉर्ड्स

फीफा अंडर-17 विश्व कप के सत्रहवें संस्करण का सफल आयोजन 6 से 28 अक्टूबर, 2017 के बीच हुआ. भारत ने पहली बार इतिहास में इतनी बड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया. भारत की मेजबानी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की जब यह टूर्नामेंट के इतिहास में सर्वाधिक दर्शकों द्वारा देखी जाने वाली प्रतियोगिता बनी. कोलकाता में ब्राजील और माली के बीच तीसरे-स्थान के प्ले ऑफ के बाद टूर्नामेंट देखने वाले दर्शकों की संख्या 1230976 को पार कर गई, जो रिकॉर्ड 1985 में चीन में पहले फीफा अंडर 17 विश्व कप के दौरान बना था. मेक्सिको में 2011 में हुए टूर्नामेंट में 1002314 दर्शक पहुंचे थे और यह 10 लाख के आंकड़े को पार करने वाला तीसरा टूर्नामेंट बना.

यह प्रतियोगिता नई दिल्ली, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, कोलकाता और नवी मुंबई में आयोजित की गई. दुनिया भर की 24 टीमों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. दर्शकों से खचाखच भरे कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में 28 अक्टूबर, 2017 को इंग्लैंड और स्पेन के बीच फाइनल मैच खेला गया जिसमें इंग्लैंड फीफा अंडर-17 विश्व कप का विजेता घोषित किया गया.

भारतीय टीम ने हार न मानने वाले जज्बे से दिल जीता

भारतीय टीम भले ही ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई, लेकिन उसने अपने प्रेरणादायी प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. टीम ने अपने हार न मानने वाले जज्बे से दर्शकों का दिल जीता और इतिहास के पन्नों में अपना नाम भी दर्ज करा लिया, जो अब तक किसी फीफा टूर्नामेंट में भाग लेने वाली पहली भारतीय टीम बनी.

भारतीय टीम के कोच प्रदर्शन के बेहद संतुष्ट थे. टीम के मुख्य कोच लुइस नोर्टन दे माटोस ने कहा कि बेशक उनकी टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई हो, लेकिन मेजबान टीम को मिला अनुभव उनके लिए भविष्य में काफी कारगर साबित होगा. माटोस ने कहा कि अंडर-17 विश्व कप का स्तर आई-लीग और इंडियन सुपर लीग से कहीं ऊपर का था. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट से काफी कुछ सीखा है जो उनके साथ तब भी रहेगा जब वह देश की सीनियर टीम के लिए खेलेंगे.