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रिफ्यूजी कैंप में शुरू हुआ मोड्रिच का सफर कैसे बैलन डी'ओर तक पहुंचा

मोड्रिच ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी जैसे सितारों को पछाड़कर बैलन डि'ओर हासिल किया

Bhasha

फुटबॉल की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक बैलन डि'ओर का खिताब जीतने वाले क्रोएशिया और रीयाल मैड्रिड के मिडफील्डर लुका मोड्रिच का बचपन युद्धग्रस्त देश में रिफ्यूजी की तरह बीता था.

मोड्रिच जब छह वर्ष के थे तब उनका देश युद्ध की चपेट में था और उन्होंने रिफ्यूजी की जिंदगी जीते हुए फुटबॉल के गुर सीखे. 1991 से 1995 तक कोएशिया और सर्बिया विद्रोहियों के बीच युद्ध चल था.


क्रोएशिया में पहले से ही एक नायक के तौर पर पहचाने जाने वाले मोड्रिच बैलन डि'ओर का खिताब जीतने से पहले इस साल सितंबर में फीफा के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीत चुके है. मोड्रिच को बैलन डि'ओर का यह खिताब अपने देश को फुटबॉल विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने और अपने क्लब रीयाल मैड्रिड को लगतार तीसरी बार चैंपियंस लीग का खिताब दिलवाने में अहम भूमिका निभाने के लिए दिया गया.

मोड्रिच ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी जैसे सितारों को पछाड़कर बैलन डि'ओर हासिल किया. मोड्रिच ने कहा,‘मेरे लिए यह खास लम्हा है, मैं खुश हूं और गौरवान्वित तथा सम्मानित महसूस कर रहा हूं.’ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर बने इस खिलाड़ी का बचपन मुश्किलों से भरा रहा है. युद्धग्रस्त देश में बचपन में शरणार्थी की जिंदगी जीने वाले इस फुटबॉलर के दादा को सर्बिया की सेना ने मार दिया था. इसके बाद उनका परिवार अपना घर छोड़कर तटवर्ती शहर जादर में शरणार्थी की तरह रहने लगा था. इसी जगह पर मोड्रिच ने फुटबॉल में अपनी क्षमता से सबको प्रभावित करना शुरू किया.

एनके जादर क्लब के कोच जोसिप बाज्लो ने कहा, ‘मैंने एक प्रतिभावान छोटे बच्चे के बारे में सुना था जो रिफ्यूजी होटल के आस-पास फुटबॉल खेलता था और सोते समय भी फुटबॉल अपने साथ रखता था.’

33 साल के मोड्रिच की कप्तानी में इस साल क्रोएशिया की टीम ने फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच कर सबको चौंका दिया था. यही नहीं चैंपियंस लीग में अपनी टीम रीयल मैड्रिड को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

बाज्लो ने मोड्रिच के खेल को देखकर उसे क्लब के फुटबॉल स्कूल के साथ जोड़ जहां थोड़े समय में ही उन्होंने अपनी पहचान बना ली. युद्ध के दौरान जादर और आस-पास के क्षेत्रों में काफी गोलीबारी हुई थी. मोड्रिच के बचपन के दोस्त मारिजन बुलजात ने कहा, ‘लाखों बार ऐसा हुआ कि जब हम अभ्यास कर रहे थे तो वहां गोलीबारी हो रही थी, हम छुपने के लिए आसपास के घर की ओर भागते थे.’ वह 2008 में इंग्लिश प्रीमियर लीग की टीम टॉटनहैम हॉटस्पर से जुड़े और 2012 में रीयाल मैड्रिड बड़ी बोली लगाकर उनसे करार करने में सफल रहा.

फीफा विश्व कप के फाइनल में फ्रांस से 4-2 से हारने के बाद भी कप्तान मोड्रिच और उनकी टीम का देश की राजधानी जगरेब पहुंचने पर नायकों की तरह स्वागत किया गया जिसमें पाचं लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.