इटली के गोलकीपर जियांलुइगी बुफोन सोमवार रात को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने के बाद अपने आंसू रोकने का असफल प्रयास कर रहे थे. चार बार की विश्व चैंपियन इटली के 60 साल में पहली बार विश्व कप में जगह बनाने से चूकने के बाद बुफोन ने यह फैसला लिया. बुफोन के साथ उनके साथी खिलाड़ियों आंद्रिया बार्जागली और मिडफील्डर डेनियल डे रोस्सी ने भी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को बॉय-बॉय कह दिया.
बुफोन ने इटली के लिए अपना 175वां और आखिरी मैच स्वीडन के खिलाफ खेला जो गोलरहित ड्रॉ रहा. इटली को स्वीडन के खिलाफ औसत के आधार पर 0-1 से पराजय झेलनी पड़ी. इसके साथ ही इटली का 2018 विश्व कप में खेलने का सपना टूट गया. बुफोन ने कहा, ‘ मैं इतालवी फुटबॉल से माफी मांगता हूं. इस तरह से विदा लेने का खेद है.’
मैच के बाद बुफोन ने स्वीकार किया कि 60 साल बाद विश्व कप के लिए क्वालिफाई न कर पाना राष्ट्रीय खेल के लिए दुखद दिन है. उन्होंने इतालवी टीवी से कहा, 'केवल मैं ही दुखी नहीं हूं, बल्कि सभी इतालवी फुटबॉल प्रशंसक निराश हैं.'
बुफोन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 175 मैच खेले और वह 2006 में विश्व कप खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य थे. इटली ने बर्लिन में फ्रांस को पेनाल्टी शूटआउट में पराजित किया था. वह 2000 में यूरो फाइनल में हारने वाली टीम के भी सदस्य थे. तब स्पेन ने उसे 4-0 से शिकस्त दी थी.