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आईएसएल 2018-19: गोवा से पुरानी हार का हिसाब बराबर करने उतरेगी पुणे सिटी

बीते सीजन में पुणे ने प्लेऑफ खेला था लेकिन इस सीजन में अब तक 11 मैचों में सिर्फ दो जीत मिल सकी है

FP Staff

एफसी गोवा ने हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन में अपने घर में एफसी पुणे सिटी को 4-2 से हराया था. अब श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्टेडियम में मंगलवार को उसका सामना एक बार फिर पुणे से होना है. गोवा की टीम पुणे पर लगातार दूसरी जीत के साथ अंक तालिका के टॉप-4 में अपना स्थान मजबूत करना चाहेगी.

बीते सीजन में पुणे ने प्लेऑफ खेला था लेकिन इस सीजन में अब तक 11 मैचों में सिर्फ दो जीत मिल सकी है. वह 8 अंकों के साथ तालिका में आठवें स्थान पर है. दूसरी ओर, गोवा ने नौ में से पांच मैच जीतकर 17 अंक जुटाए हैं और अभी तालिक में चौथे स्थान पर है. पुणे को हराकर वह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी.


रेड्डी को पता है कि गोवा की टीम कितनी खतरना है. इस टीम के खिलाफ पुणे को उस समय करारी हार मिली थी, जब कोचिंग की जिम्मेदारी बर्खास्त किए जा चुके मिग्वेल एंजेल पुर्तगाल के हाथों में थी. वह हार काफी चुभने वाली थी. इसके बाद हालांकि पुणे ने सुधार किया है.

पुणे को गोवा की आक्रमणपंक्ति से उस समय लोहा लेना होगा जब उसका खुद का डिफेंस अच्छा नहीं है. उस टीम के खिलाफ अब तक सबसे अधिक 197 शॉट्स ऑन गोल हुए हैं जबकि यह टीम अब तक सिर्फ एक क्लीन शीट मेंटेन कर पाई है. साथ ही साथ इस टीम के दो लेफ्ट बैक साहिल पंवार और लालचुआनमाविया मौजूद नहीं हैं. साहिल निलम्बित हैं जबकि लालचुआनमाविया चोटिल हैं.

एफसी गोवा 12 दिनों के बाद एक्शन में लौट रही है. कोच सर्गियो लोबेरा अपनी टीम से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे क्योंकि बीते दो मुकाबलों में उनकी टीम को जीत नहीं मिली है. बेंगलुरू के खिलाफ उसे घर में 1-2 से हार मिली थी और कोलकाता से उसका मुकाबला गोलरहित ड्रॉ रहा था.

गोवा की टीम टॉप-4 में है और उसने बाकी की टीमें से एक मैच कम खेला है. गोवा के लिए अच्छी खबर यह है कि हुगो बोउमोस और मोहम्मद अली लौट आए हैं. ये दोनों निलम्बित थे. सभी की निगाहें स्टार फेरान कोरोमिनास पर होंगी, जिनके नाम इस सीजन में अब तक आठ गोल हैं. कोरो हालांकि 250 मिनट के खेल में एक भी गोल नहीं कर सके हैं.

अब देखना रोचक होगा कि क्या रेड्डी की देखरेख में पुणे की टीम अपने घर में गोवा को हराकर पिछली हार का हिसाब बराबर करते हुए अपने अभियान को फिर से रास्ते पर लाती है या फिर एक और हार झेलने पर मजबूर होती है?