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भारत को फुटबॉल में अपनी पुरानी पहचान हासिल करने की जरूरत

फीफा अंडर-17 विश्व कप : इंफैनटिनो ने टूर्नामेंट के आयोजन के साथ भारतीय टीम को भी सराहा

FP Staff

फीफा अंडर-17 विश्व कप का समापन शनिवार को हुआ. फाइनल में स्पेन को 5-2 से हराकर इंग्लैंड ने धमाकेदार तरीके से इसका खिताब अपने नाम किया. वहीं, भारत आए फीफा अध्यक्ष जियानी इंफैनटिनो ने इस टूर्नामेंट के आयोजन की प्रशंसा की और साथ ही उन्होंने भारत की अंडर-17 टीम को भी सराहा. हालांकि भारत को इस खेल को आगे ले जाने के लिए अभी मेहनत करने की जरूरत है ताकि देश खेल में अपनी पुरानी पहचान हासिल कर सके.

भारत ने 1962 एशियाई खेलों में फुटबॉल का स्वर्ण पदक जीता था. यानी भारत कभी एशिया का सिरमौर था. यह बात भी कितने लोग जानते होंगे कि भारत कभी ओलंपिक के सेमीफाइनल तक पहुंचा था. यह बात 1956 मेलबर्न की थी. लेकिन इस विश्व कप ने कम से कम इतना तो कर दिया कि फुटबॉल को फिर चर्चा में ला दिया. धीरज सिंह, जैक्सन सिंह, कोमल थाटल, अनवर अली और अमरजीत सिंह कियाम. चंद रोज पहले तक ये नाम किसी के लिए भी अनजान होते, लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज देश-दुनिया में लोग इन नामों से वाकिफ हैं.


भारतीय टीम में शामिल खिलाड़ियों के वापस लौटने पर उनके राज्य में गर्मजोशी से स्वागत किया गया. हवाईअड्डे के बाहर खिलाड़ियों के स्वागत के लिए पहले से ही फैंस के अलावा राज्य के पूर्व फुटबॉलर्स मौजूद थे. भारतीय फुटबॉलरों का स्वागत माला पहना कर किया गया. भारतीय अंडर-17 फुटबॉल टीम के मिडफील्डर अभिजीत सरकार और फॉरवर्ड रहीम अली का कहना है कि हासिल किया गया अनुभव आने वाले दिनों में उनके काफी काम आएगा और वे इस कभी भूलेंगे नहीं.

फीफा प्रेसीडेंट जियानी इनफैनटिनो ने भी कहा है कि भारत अब फुटबॉल कंट्री बन गया है. इससे उत्साहित एआईएफएफ ने कहा है कि प्रेसीडेंट प्रफुल्ल पटेल जब फीफा काउंसिल की बैठक में शिरकत करेंगे, जहां वह 2019 में होने वाले अंडर-20 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी को मजबूती से रखने का प्रयास करेंगे. इसकी संभावना अंडर-17 विश्व कप के शानदार आयोजन के बाद बढ़ गई है.

राष्ट्रीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी सभी हितधारकों से भारत की सभी स्तर की फुटबॉल टीमों को विश्व स्तर पर पहचान हासिल करने के लिए मदद देने का आग्रह किया है. देश में फुटबॉल का लोकप्रिय चेहरा और दिग्गज खिलाड़ी छेत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश की सभी वर्ग की राष्ट्रीय टीमें विकास के पथ पर अपना अगला कदम बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारतीय फुटबॉल के पहचान हेतु भारत में अंडर-17 विश्व कप टूर्नामेंट का आयोजन एक बड़ा फायदा है. इस ओर आगे बढ़ने के क्रम में यह बेहतरीन अवसर है.

भारत ने आठ साल बाद एएफसी एशिया कप-2019 के लिए क्वालीफाई कर लिया है. मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन के मार्गदर्शन में इस साल जुलाई में भारतीय टीम ने फीफा रैंकिंग में फरवरी 1996 के बाद सर्वश्रेष्ठ 96वां स्थान हासिल किया था. हालांकि, वर्तमान में भारतीय टीम 105वें स्थान पर है. भारत की अंडर-17 टीम ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और इससे भावी खिलाड़ियों की राष्ट्रीय टीम लगभग तैयार है. ये वो खिलाड़ी हैं, जो अब मुख्य टीम में आएंगे. कांस्टेनटाइन को उन्हें साथ रखने और उनका विकास करने की जरूरत है. फुटबॉल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंडर-17 विश्व कप खत्म हो जाने के बाद बुनियादी ढांचे में आए बदलाव को बरकरार रखा जाए.

हमें विश्व कप टूर्नामेंट के बाद भी इस जुनून को बरकरार रखना है. इसके लिए, राष्ट्रीय टीमों को अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखने और बुनियादी ढांचे में आए बदलाव को बरकरार रखने की जरूरत है. तभी भारत में फुटबॉल का हुलिया बदल सकता है. फिर 1962 जैसे प्रदर्शन को भी दोहराया जा सकता है.