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अलविदा 2018: फीफा विश्‍व कप रहा साल का बड़ा टूर्नामेंट, आइसलैंड और साउथ कोरिया जैसी टीमों ने किया हैरान

FP Staff

खेल जगह में 2018 का दुनिया का सबसे बड़ा टूर्नामेंट फीफा विश्‍व रहा. जिसका दीवानापन उस देश में भी छाया रहा, जहां फुटबॉल न के बराबर है. इस विश्‍व कप में बार बड़े उलटफेर भी देखने को मिले. जहां 2014 की विश्‍व विजेता टीम 2018 फीफा कप के प्री क्‍वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच पाई, वहीं क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंची थी. जहां फ्रांस ने उसे 4-2 से हराकर 20 साल बाद दूसरी बार खिताब जीता.

टूर्नामेंट में सबसे बड़ा उलटफेर पूर्व विजेता जर्मनी के साथ हुआ, जो प्री क्‍वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच पाई. अपने ग्रुप एफ में वह सबसे निचले पायदान पर रही थी. ग्रुप मैच में भी साउथ कोरिया जैसी टीम ने जर्मनी को 2-0 से हराकर सबको चौका दिया था.


 

ग्रुप डी मैच में आइसलैंड और अर्जेंटीना के बीच खेला गया मुकाबला भी चौंकाने वाला रहा. जनसंख्‍या की दृष्टि से फीफा विश्‍व कप का टिकट हासिल करने वाले पहले देश आइसलैंड ने दुनिया की बड़ी टीमों में से एक अर्जेंटीना के साथ ड्रॉ खेला. ड्रॉ ही नहीं, बल्कि उसके नॉकआउट राउंड में पहुंचने में भी लगभग मुश्किल पैदा कर दी थी.

इंग्‍लैंड के हैरी केन को गोल्‍डन बूट मिला और वह इस बूट को हासिल करने वाले दूसरे इंग्लिश खिलाड़ी बने. पनामा के खिलाफ हैट्रिक सहित केन ने कुल 6 गोल किए थे. इससे पहले 1986 में मेक्सिको में हुए विश्व कप में गैरी लिनेकर ने गोल्डन बूट जीता था. लिनेकर ने भी छह गोल किए थे.

पूरे टूर्नामेंट में नेमार चैलेंज भी काफी चला. दरअसल प्री क्‍वार्टर फाइनल में मेक्सिको के ल्‍युन के उपर नेमार ने ओवर रिएक्‍ट किया था, जिसे नेमार चैलेंज का नाम दिया. जो सिर्फ फुटबॉल के मैदान पर सीमित न रहरकर हर जगह पर पहुंच गया था. लोग फन के लिए ऐसा करने लगे थे. विश्‍व कप में नेमारन को 4 मुकाबलों में 23 बार फाउल मिला था. नेमार विपक्षी टीम के खिलाड़ी से थोड़ा छु जाने पर भी ज्‍यादा चोट का बहाना बनाकर जमीन पर लेट जाते थे. इसी वजह से उन्‍होंने काफी समय भी बर्बाद किया था.