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बचपन के हीरो मैराडोना के खिलाफ खेलने का सपना पूरा नहीं हो सका गांगुली का

मैराडोना के प्रदर्शनी मैच में ना खेलने से पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान निराश

FP Staff

डिएगो मैराडोना की 1986 की विश्व कप की जीत को टीवी पर देखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली का अपने बचपन के हीरो के खिलाफ खेलने का सपना पूरा नहीं हो सका. मैराडोना भले ही कई बार यात्रा स्थगित करने के बाद कोलकाता के दौरे पर पहुंचे, लेकिन यहां वह बहुप्रचारित ‘डिएगो बनाम दादा’ प्रदर्शनी मैच में नहीं खेले जिससे गांगुली निराश हो गए.

इस मैच के आयोजन की व्यवस्था अच्छी नहीं थी. इसलिए 57 वर्षीय अर्जेंटीनी फुटबॉलर मैच की शुरुआत करके गांगुली और उनकी टीम से मुलाकात करने के बाद चला गए. प्रेट्र के अनुसार गांगुली ने मैच के बाद कहा, ‘अगर वह खेलते तो अच्छा रहता, लेकिन वह नहीं खेल पाए. उम्र का असर उन पर दिख रहा है, लेकिन वह बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं. मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. मैंने उन्हें 1986 में विश्व कप जीतते हुए देखा है. उन्हें इतने करीब से देखना खास था.


मैच का आयोजन स्कूली बच्चों के साथ फुटबॉल कार्यशाला के बाद होना था, लेकिन यह कार्यक्रम लंबा खिंच गया. इस दौरान उन्होंने अपना ड्रिबलिंग कौशल दिखाने के अलावा स्पेनिश में कुछ गाने भी गाए. इससे मैराडोना के चेहरे पर थकान साफ नजर आने लगी थी और वह पसीने से भी भीगे हुए थे. ‘डिएगो बनाम दादा’ प्रदर्शनी मैच मैराडोना के तीन दिवसीय दौरे का मुख्य आकर्षण था. दर्शक डिएगो, डिएगो और गांगुली, गांगुली चिल्ला रहे थे.

मैराडोना का 2008 के बाद यह दूसरा कोलकाता दौरा है. उन्हें पहले 19 सितंबर को यहां आना था, लेकिन इसके कई बार विलंब हुआ. मैराडोना का तीन दिवसीय दौरा बुधवार समाप्त होगा.