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FIFA World Cup 2018: आखिर क्या है 'चैंपियन का अभिशाप' जिसने जर्मनी की बलि ले ली!

फीफा वर्ल्ड कप के इतिहास मे कुछ छह बार मौजूदा चैंपियन टीम पहले ही राउंड से बाहर हुई हैं

AFP

फीफा वर्ल्ड कप में मौजूदा चैंपियन जर्मनी नॉकआउट राउंड से बाहर गई है. दूसरे विश्व य़ुद्ध के बाद यह पहला मौका है जब जर्मनी की टीम लीग राउंड में ही टूर्नामेंट से बाहर हुई हो. लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब मौजूदा चैंपियन टूर्नामेंट के नॉक आउट राउंड में जगह बनाने में नाकाम रही है. चार साल पहले दुनिया की जीतने वाली टीम जब चार साल बाद पहले ही राउंड में बाहर हो जाती है तो उससे फैंस का अचरज में पड़ना लाजिमी हो जाता है और इसी को चैंपियन का अभिशाप कहा जाता है जिसका शिकार जर्मनी की टीम हुई है.


1930 की चैंपियन उरुग्वे की टीम ने इटली में हुए 1934 के वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं लिया था, इसके अलावा छह बार ऐसा मौका आया है जब मौजूदा चैंपियन देश पहले ही राउंड में बाहर हो गया है.

इटली बनी थी पहला शिकार

चैंपियन टीम के बाहर होने का सिलसिला इटली के साथ शुरू हुआ था. 1934 और 1938 के वर्ल्ड कप में खिताब अपने नाम करने वाली इटली की टीम दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1950 में ब्राजील में आयोजित हुए वर्ल्डकप में अपने खिताब की रक्षा करने में नाकाम रही थी. इटली के खिलाड़ी अटलांटिक महासागर में नाव के सफर करके ब्राजील पहुंचे थे. इस टूर्नामेंट में पराग्वे को 2-0 से हराने के बावजूद स्वीडन से 2-3 से हार कर इटली की टीम नॉकआउट राउंड में पहुंचने में नाकाम रह के चैंपियन के अभिशाप का पहला शिकार बनी थी.

1958 और 1962 में पेले के शानदार खेल की बदौलत ब्राजील की टीम ने चैंपियन बनकर तहलका मचा दिया था. लेकिन 1966 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्डकप में ब्राजील की टीम ने खराब प्रदर्शन किया पेले की मौजूदगी में पुर्तगाल से 1-3 से हारकर नॉक आउट राउंड में ही हार कर बाहर हो गई. हालंकि इसके बाद 1970 में ब्राजील ने एक बार फिर से चैंपियन बना लेकिन 1966 का वर्ल्डकप ब्राजील के लिए एक बुरे ख्वाब जैसा रहा.

फ्रांस भी बना शिकार

साल 1998 की चैंपियन फ्रांस 2002 के वर्ल्ड कप में चैंपियन के अभिशाप का ऐसा सिललिसा शुरू हुआ जो अब भी बरकरार है.

1998 में वर्ल्ड चैंपियन और 2000 में यूरो चैंपियन बनने के बाद जापान और साउथ कोरिया में आयोजित हुए वर्ल्ड कप में पहले ही राउंड में बाहर होकर चैंपियन के अभिशाप का शिकार बनी. जिनेदिन जिदान की गैरमौजूदगी में फ्रांस को सेनेगल के हाथों 0-1 से हार का सामना करना पड़ा. उरुग्वे के खिलाफ मुकाहबला गोलरहित ड्रॉ पर खत्म हुआ.

तीसरे मुकाबले मे जिदान वापस आए लेकिन वह डेनमार्क के खिलाफ अपनी टीम की 0-2 की हार को रोक नहीं सके और चैंपियन टीम फ्रांस की वर्ल्ड कप के पहले ही राउंड में विदाई हो गई.

इटली फिर बनी शिकार

2006 में फ्रांस को फाइनल में हार कर चैपियन बनी इटली की टीम साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए 2010 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड और पराग्वे के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद स्लोवाकिया से 2-3 से हारने के बाद पहले ही राउंड से बाहर हो गई.

2010 में चैंपियन बनी स्पेन की टीम 2014 में ब्राजील हुए वर्ल्ड कप में चैंपियन के अभिशाप का शिकार बनी. नेदरलैंड्स के हाथों 5-1 से हारने के बाद चिली के हाथों मिली 2-0 की हार ने स्पेन की विदाई तय तक दी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मुकाबले में 3-0 से मिली जीत भी स्पेन के पहले राउंड में बाहर होने से नहीं बचा सकी.