एमिल फोर्सबर्ग के एकमात्र गोल की मदद से स्वीडन ने स्विट्जरलैंड को 1- 0 से हराकर 24 साल बाद फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया. सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम पर खेला गया यह मुकाबला बेहद उबाऊ रहा और कोई भी टीम उम्दा फुटबॉल का प्रदर्शन नहीं कर सकी. स्वीडन के लिए एकमात्र गोल दूसरे हाफ में फोर्सबर्ग ने किया. स्वीडन 1994 के बाद पहली बार विश्व कप के अंतिम आठ में पहुंचा है.
स्वीडन की यहां तक की राह आसान नहीं रही है और ज्लाटन इब्राहिमोविच के बगैर एक ईकाई के रूप में बेहतर प्रदर्शन करते हुए वे यहां तक पहुंचे हैं. अब अंतिम आठ में उसे हलके में नहीं लिया जा सकता. स्वीडन के डिफेंडर माइकल लस्टिग को यलो कार्ड देखना पड़ा जिससे वह समारा में शनिवार को क्वार्टर फाइनल नहीं खेल सकेंगे.
ब्राजील और मेक्सिको तथा बेल्जियम और जापान के मैच पेनल्टी शूटआउट तक खिंचने के बाद लग रहा था कि यह मुकाबला भी निर्धारित समय में समाप्त नहीं होगा. दोनों टीमें बेहद रक्षात्मक खेल दिखा रही थीं. धीमी शुरुआत के बाद आखिर में स्वीडन को लगातार हमलों पर सफलता मिली और फोर्सबर्ग ने दूसरे हाफ में गोल दागा. स्विट्जरलैंड दो बार बराबरी का गोल करने के करीब पहुंचा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इस हार ने स्विट्जरलैंड का 64 साल बाद क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने का सपना तोड़ दिया.
स्विट्जरलैंड के माइकल लैंग को इंजुरी टाइम में रेड कार्ड देखना पड़ा जिन्होंने मार्टिन ओल्सन को बाधा पहुंचाई थी. रैफरी दामिर स्कोमिना ने पेनल्टी का फैसला वीडियो रिव्यू पर छोड़ा, लेकिन पेनल्टी क्षेत्र के बाहर बाधा पहुंचाए जाने के कारण स्वीडन के खिलाड़ियों की मांग को खारिज कर दिया.
मैच की महत्वपूर्ण बातें
स्वीडन के मार्कस बर्ग गोल करने का प्रयास करने वाले पहले खिलाड़ी रहे. स्विट्जरलैंड के गोलकीपर योन सोमर के खराब क्लीयरेंस की वजह से टीम मुश्किल में पड़ सकती थी, लेकिन उसके डिफेंडर मौनेल अकंजी ने टीम पर आया ये संकट टाल दिया.
शुरुआती 20 मिनट के खेल में दोनों टीमें हमला करने के बजाय एक-दूसरे को तौल रही थी. लेकिन जो भी खेल चल रहा है उसमें स्वीडन भारी दिखाई दे रहा था. स्विस टीम काउंटर अटैक के सहारे रही. स्वीडन के अल्बिन एकदल ने जो एक ट्राई किया उस पर एक बार फिर गोलकीपर योन सोमर को खराब क्लीयरेंस का खामियाजा भुगतना पड़ सकता था.
स्विट्जरलैंड के स्टार खिलाड़ी शकीरी पर स्वीडन ने काबू कर रखा था. लेकिन स्वीडन की टीम जानती है कि मौका मिलने पर ये खिलाड़ी कितना खतरनाक हो सकता है.
पहले हाफ का आधा खेल हो गया है. शुरुआती खेल छोड़ दें तो अभी तक स्विट्जरलैंड का पलड़ा भारी दिख रहा है. बॉल पजेशन भी उसके पास ज्यादा रहा है और गोल पर प्रयास भी उसके ज्यादा हैं, लेकिन सफलता दूर है. 31वें मिनट में स्वीडन के माइकल लस्टिग को रैफरी ने यलो कार्ड दिखाया.
इसमें कोई शक नहीं कि दोनों टीमों के खिलाड़ी पूरा प्रयास कर रहे थे, लेकिन गोल बनने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही. 38वें मिनट में स्विट्जरलैंड के पास एक मौका आया भी तो उसके जोसिप ड्रमिक गेंद को बार के ऊपर मार बैठे. ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ स्विट्जरलैंड के साथ ही हो रहा है. स्वीडन के खिलाड़ी भी इसी तरह के मौके बना और बिगाड़ रहे हैं. एक मौके पर तो गेंद को केवल ठीक से दिशा देनी थी, लेकिन उसमें भी चूक हो गई.
दूसरे हाफ में स्विट्जरलैंड ने अच्छी शुरुआत की. उसकी ओर से कुछ हमले बनाए गए, लेकिन गोल करने के लिए वाकई काफी जोर लगाना होगा. स्विट्जरलैंड की टीम लगातार दबाव बना रही थी. ऐसा लग रहा है कि मैच में 1-0 का परिणाम निकल सकता है. लेकिन जब स्वीडन के एमिल फोर्सबर्ग को गेंद मिलती है तो उन पर नजर रखनी होगी, क्योंकि वह काफी तेजी से विपक्षी टीम के पोस्ट पर हमला करते हैं.
आखिरकार मैच का पहला गोल एमिल फोर्सबर्ग ने 66वें मिनट में किया और स्वीडन को 1-0 से बढ़त दिला दी. एमिल फोर्सबर्ग अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे. उन्हें बॉक्स के ऐज पर जगह मिली तो उन्होंने थोड़ा नीचा रहता शॉट लगाया. जो एकबारगी तो लगा कि मौनेल अकंजी से लगकर डिफिलेक्ट हुआ है. गोलकीपर योन सोमर तो दर्शक की भूमिका में थे.
एमिल फोर्सबर्ग हेनरिक लार्सन के बाद विश्व कप के नॉकआउट मैच में गोल करने वाले पहले स्वीडिश खिलाड़ी हैं. हेनरिक लार्सन ने 2002 विश्व कप में गोल किया था. लेकिन वो मैच हेनरिक लार्सन के लिए अच्छा नहीं रहा था. उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. आज शायद वो ऐसा होने से रोक सकते हैं.