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FIFA WORLD CUP 2018 : जब घर लौटने पर कोरियाई टीम पर प्रशंसकों ने फेंकी थीं टॉफियां

1998 के बाद ऐसी पहली बार हुआ था कि जब साउथ कोरिया एक भी मैच जीते बिना टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी

FP Staff

फुटबॉल के मैदान पर प्रशंसक जिस तरह से अपनी टीम का उत्‍साह बढ़ाने में आगे रहते हैं, खराब प्रदर्शन पर उनमें उतना ही रोष भी रहता है. कुछ ऐसा ही पिछली बार साउथ कोरिया टीम के साथ भी हुआ था, जब ब्राजील में हुए फीफा विश्‍व कप में काफी खराब प्रदर्शन करने के बाद टीम वापस घर लौटी. टीम का प्रदर्शन इतना खराब था कि नाराज प्रशसंकों ने खिलाडिय़ों पर टॉफी फेंककर विरोध जताया. 2002 वर्ल्‍ड कप की सेमीफाइनलिस्ट टीम के लिए इससे बड़ा अपमान कुछ नहीं था.


1998 के बाद साउथ कोरिया के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड

2014 वर्ल्ड कप में साउथ कोरिया ने रूस के खिलाफ अपने अभियान का आगाज किया था, लेकिन मैच 1-1 से ड्रॉ रहा और टीम के खाते में सिर्फ एक अंक जुड़ा. इसके बाद टीम ने अलजीरिया और बेल्जियम के खिलाफ अपने दोनों मैच आसानी से गंवा दिए थे. 2014 वर्ल्‍ड कप में इसी हार के साथ साउथ कोरिया का सफर भी खत्‍म हो गया था और उस वर्ल्ड कप में टीम बिना कोई मैच जीते टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी. 1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ था जब टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई.

नाराजगी की यह भी वजह

साउथ कोरिया के खराब प्रदर्शन की शुरुआत 1990 से शुरू हुई. 1990 फीफा विश्‍व कप में साउथ कोरिया अपने तीनों मैच हार गई थी और इसी तरह से वह 1992 एशियन कप के लिए भी क्‍वालीफाई नहीं कर पाई थी. साउथ कोरिया का यह बुरा दौर करीब 11 वर्ष तक रहा, 1994 और 1998 विश्‍व कप में भी इनका यही प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन 2002 फीफा वर्ल्‍ड कप की जापान के साथ सह मेजबान टीम साउथ कोरिया ने अपने खराब प्रदर्शन के क्रम को तोड़ा और पहली बार सेमीफानइल में पहुंची. टीम टूर्नामेंट में चौथे पायदान पर ही थी और इसी के साथ प्रशंसकों को अपनी टीम से ऐसे ही अच्‍छे प्रदर्शन की उम्‍मीद हो गई, लेकिन 2014 में टीम द्वारा एक बार फिर 90 के दशक को दोहराने पर प्रशंसक नाराज हो गए.