view all

FIFA World Cup 2018, Russia vs Saudi Arabia : कमजोर टीमों के मुकाबले में सऊदी अरब पर जीत दर्ज करने उतरेगा रूस

विश्व कप इतिहास में शायद पहली बार होगा कि उद्घाटन मैच इतनी कमजोर टीमों के बीच खेला जाएगा

FP Staff

फुटबॉल महासमर यानी फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण का पहला मैच गुरुवार को मेजबान रूस और सऊदी अरब के बीच लुजिनकी स्टेडियम लुजिनकी स्टेडियम में खेला जाएगा. फीफा रैंकिंग में क्रमश: 70वें एवं 67वें पायदान पर मौजूद दो टीमों के बीच मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है. दोनों टीमें खिताब जीतने के दावेदार में नहीं मानी जा रही हैं, लेकिन रूस अपने समर्थकों की मौजूदगी में जीत के साथ टूर्नामेंट की सकारात्मक शुरुआत करना चाहेगा. इन दोनों टीमों के बीच इससे पहले केवल एक मैच खेला गया है. यह मैत्री मैच 1993 में खेला गया था जिसमें सऊदी अरब ने रूस को 4-3 से हराया था

19 मैच खेले हैं और केवल छह में जीत दर्ज की है रूस ने


पिछले दो वर्षो में रूस का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. 2016 यूरोपीय चैंपियनशिप के बाद से मेजबान टीम ने कुल 19 मैच खेले हैं और केवल छह में जीत दर्ज की है. रूसी टीम अक्टूबर 2017 के बाद से एक भी मैच जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है जो टीम की मौजूदा स्थिति को दर्शाती है. मेजबान होने के कारण रूस को विश्व कप में स्वत: ही जगह मिल गई थी, लेकिन फीफा की ताजा विश्व रैंकिंग में वह 70वें स्थान पर है जो टूर्नामेंट में भाग ले रही सभी 32 टीमों में से सबसे कम है. सऊदी अरब 67वें स्थान पर है वह विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाली 31 टीमों में सबसे कम रैंकिंग वाली टीम है. सऊदी अरब विश्व कप का उद्घाटन मैच खेलने वाली एशिया की पहली टीम भी बन जाएगी. रूस और सऊदी अरब यहां लुजनिकी स्टेडियम में आमने-सामने होंगे जहां 15 जुलाई को फाइनल भी खेला जाएगा.

पुतिन के दर्शक दीर्घा में मौजूद रहने की संभावना 

रूस ग्रुप ए से नॉकआउट में पहुंचने और ग्रुप चरण से बाहर होने वाला दूसरा मेजबान बनने से बचने के लिए इस मैच में अपनी जीजान लगा देगा, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के दर्शक दीर्घा में मौजूद रहने की संभावना है. इससे पहले केवल साउथ अफ्रीका ही 2010 में ऐसी मेजबान टीम थी जो ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई थी. स्टेनिसलाव चेरचेसोव के कोचिंग वाली रूसी टीम का हालिया प्रदर्शन हालांकि अच्छा नहीं रहा. उसे टूर्नामेंट से पहले चारों मैत्री मैचों में से किसी में भी जीत नहीं मिली. असल में रूस ने अपनी आखिरी जीत पिछले साल अक्टूबर में दर्ज की थी जब उसने साउथ कोरिया को अपनी सरजमीं पर 4-2 से हराया था. यही नहीं इससे पहले 2016 यूरो कप और 2017 फीफा कन्फेडरेशन कप में भी वह ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाया था. लेकिन ग्रुप ए में मिस्र और उरूग्वे के रूप में दो अन्य मजबूत टीमें हैं और ऐसे में रूस अच्छी तरह से जानता है कि सऊदी अरब पर जीत हासिल करना कितना महत्वपूर्ण है. उसे जहां अपने घरेलू दर्शकों का समर्थन मिलेगा वहीं पर उस पर दबाव भी होगा.

मैत्री मैच में जीत से उत्साहित है सऊदी अरब 

फारवर्ड अलेक्सांद्र कोकोरिन तथा डिफेंडर ग्रेगरी डिजिकिया और विक्टर वासिन के इस साल के शुरू में चोटिल होने से रूस की विश्व कप तैयारियां प्रभावित हुई थीं. इस कारण चेरचेसोव को पिछले महीने ऑस्ट्रिया के खिलाफ उन्हें रक्षापंक्ति में तीन के बजाय चार खिलाड़ी रखने पड़े थे. इसके बावजूद टीम यह मैच हार गई थी. सऊदी अरब भले ही फीफा विश्व रैंकिंग में रूस से तीन पायदान ही ऊपर है, लेकिन उसे आसान प्रतिद्वंद्वी नहीं माना जा सकता है. ग्रीन फाल्कन के नाम से भी मशहूर सऊदी अरब की टीम विश्व चैंपियन जर्मनी को मैत्री मैच में कड़ी चुनौती देने तथा इससे पहले दो ग्रीस और अल्जीरिया पर जीत दर्ज करने से उत्साह से भरी है.

दबाव में रहेगी मेजबान टीम

सऊदी अरब के फारवर्ड अपनी तेजी के लिए जाने जाते हैं. रूस के रक्षक थोड़े धीमे हैं और ऐसे में सर्गेई इगनाशेविच जैसे खिलाड़ियों को सऊदी अरब की तेजी से निबटने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. इसके बावजूद इस मैच में रूस को जीत का दावेदार माना जा रहा है, लेकिन यह इस पर भी निर्भर करता है कि वह दबाव को कैसे झेलता है. रूसी टीम दबाव में रहेगी. इस साल एक भी मैच नहीं जीत पाने और पिछले साल कन्फेडरेशन कप का निराशाजनक प्रदर्शन उनके दिमाग में रहेगा. ऐसी स्थिति में चेरचेसोव खिलाड़ियों की वर्तमान फॉर्म को ध्यान में रखकर शुरुआती एकादश का चयन करेंगे. वह शुरू में 4-2-3-1 के प्रारूप के साथ उतर सकते हैं.  रूस को अगर जीत से शुरुआत करनी है तो उसके स्ट्राइकर फेडोर समोलोव को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. उन्होंने पिछले साल कन्फेडरेशन कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को जीत दिलाई थी.

मोहम्मद अल साहलवी  होंगे ट्रंप कार्ड

सऊदी अरब के कोच जुआन एंटोनियो पिज्जी ने सात महीने पहले ही अपनी जिम्मेदारी संभाली है. उन्होंने अपने मुख्य स्ट्राइकर मोहम्मद अल साहलवी को मैत्री मैचों में बाहर रखा था. लेकिन वह उन्हें शुरुआती एकादश में रख सकते हैं.

इस मैच को दो अलग तरह की शैलियों को पसंद करने वाले कोच के बीच मुकाबले के रूप में भी देखा जा रहा है. सऊदी अरब के कोच पिज्जी अपने प्रतिद्वंद्वी पर लगातार दबाव बनाने की रणनीति में माहिर है जिसके दम पर उन्होंने चिली को 2016 में कोपा अमेरिका कप का खिताब दिलाया था. रूसी कोच चेरचेसोव रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं.

रूस की टीम में कप्तान और गोलकीपर इगोर अकीनफीव (105 मैच) और 38 वर्षीय डिफेंडर सर्गेई इगनाशेविच (121 मैच) सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं जबकि सऊदी अरब की टीम में ओसमा हवासावी हैं जो अब तक 135 मैच खेल चुके हैं. उनके अलावा मिडफील्डर तैसीर अल जासिम के नाम पर 132 मैच दर्ज हैं.