view all

FIFA World Cup 2018, Portugal vs Morocco : क्रिस्टियानो रोनाल्डो का फिर दिखा दम, पुर्तगाल की दूसरी जीत

पुर्तगाल की ये पहली जीत है जबकि मोरक्को की लगातार दूसरी हार. इसके साथ ही मोरक्को ग्रुप दौर से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई है

FP Staff

पुर्तगाल के स्टार खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आखिर क्यों वह दुनिया के सबसे करिश्माई खिलाड़ी हैं. रोनाल्डो के शुरू में किए गए गोल से मिली बढ़त को पुर्तगाल ने गोलकीपर रुई पेट्रीसिओ के साहसिक प्रयासों से आखिर तक बरकरार रखा और मोरक्को के कई अच्छे प्रयासों के बावजूद फीफा विश्व कप 2018 में बुधवार को 1-0 से जीत दर्ज की.

मोरक्को के लिए ग्रुप बी का यह मैच करो या मरो जैसा था. पहले मैच में ईरान से आत्मघाती गोल के कारण हारने वाली यह अफ्रीकी टीम आज की हार से वर्तमान विश्व कप से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई पुर्तगाल की यह टूर्नामेंट में पहली जीत है. उसके दो मैचों में चार अंक हो गए हैं और वह ग्रुप बी में शीर्ष पर पहुंच गया है. उसने अपना पहला मैच स्पेन के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ खेला था. पुर्तगाल ग्रुप बी के अपने आखिरी मैच में 25 जून को ईरान का सामना करेगा जबकि मोरक्को इसी दिन स्पेन से भिड़ेगा.


मैच की 10 महत्वपूर्ण बातें

पुर्तगाल की जीत के नायक फिर से रोनाल्डो रहे. मोरक्को के खिलाड़ी और लुजनिकी स्टेडियम में बड़ी संख्या में मौजूद उसके प्रशंसक अभी संभल पाते कि रोनाल्डो ने गोल दाग दिया. खेल के चौथे मिनट में ही इस करिश्माई स्ट्राइकर ने मोरक्को के रक्षकों की ढिलाई का पूरा फायदा उठाकर बनार्डो सिल्वा के कॉर्नर को बड़ी खूबसूरती से हेडर से गोल के हवाले किया.

स्पेन के खिलाफ पहले मैच में हैट्रिक जमाने वाले रोनाल्डो का यह विश्व कप 2018 में चौथा गोल है. यह उनका 85वां अंतरराष्ट्रीय गोल है. इस तरह से वह यूरोप की तरफ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी भी बने. उन्होंने हंगरी के फ्रेंक पुस्कास को पीछे छोड़ा.

वह किसी एक विश्व कप में कम से कम चार गोल करने वाले दूसरे पुर्तगाली खिलाड़ी भी बने. उनसे पहले यूसीबियो ने 1966 में यह कारनामा किया था.  यूसीबियो ने 1966 में इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में नौ गोल किए थे. उनके पास आठवें मिनट में दूसरा गोल करने का मौका था लेकिन उनका शॉट बाहर चला गया.

मोरक्को के समर्थकों ने अपने खिलाड़ियों का मनोबल नहीं गिरने दिया और उसके खिलाड़ियों ने भी शुरू में गोल खाने के बाद हौसला नहीं खोया और कुछ अच्छे मूव बनाए. मैनुएल डिकोस्टा 11वें मिनट में ही बराबरी करने के करीब पहुंच गए थे लेकिन पुर्तगाली गोलकीपर रुई पेट्रीसिओ ने इसे नाकाम कर दिया.

इसके बाद भी मोरक्को के स्ट्राइकरों ने रुई पेट्रीसिओ की लगातार परीक्षा ली. पहले हाफ के इंजुरी टाइम में मेहदी बेनातिया ने अगर युनुस बेलहांडा के क्रास पर हेडर लगाने में फुर्ती दिखाई होती तो फिर पुर्तगाल मध्यांतर तक 1-0 से आगे नहीं रहता. इस बीच 40वें मिनट में रोनाल्डो ने गोंजालो गुएडेस के लिए भी गेंद बनाई थी, लेकिन उनका शॉट सीधे गोलकीपर मुनीर मोहम्मदी के हाथों में चला गया.

मोरक्को के बहुत अधिक प्रशंसक लुजनिकी स्टेडियम में पहुंचे थे. आलम यह था कि पुर्तगाल की सफेद जर्सी पर पूरी तरह से मोरक्को का लाल रंग हावी था और स्टेडियम में ‘मैक्सिकन वेव’ भी देखने को मिली. मोरक्को के खिलाड़ियों ने अपने प्रशंसकों का जोश कायम रखने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास किए लेकिन आखिरी क्षणों की चूक उन पर भारी पड़ती रही. पैट्रिसियो ने खेल के 57वें मिनट में बेलहांडा के हेडर को बड़ी कुशलता से गोल में जाने से बचाया, जबकि इसके तीन मिनट बेनातिया की फ्री किक गोल के पास से बाहर चली गई.

मोरक्को आखिरी 15 मिनट में गोल करने के लिए काफी बेताब दिखा. उसने बेहद हमलावर तेवर अपनाए लेकिन पुर्तगाल ने भी अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी थी.। मैदान पर किसी भी भूमिका में खेलने में माहिर अमराबत जिस तरह से मौके बना रहे थे उस लिहाज से उन्हें अन्य खिलाड़ियों से सहयोग नहीं मिला.

यही नहीं मोरक्को के रक्षकों ने यह सुनिश्चित करने में भी काफी हद तक सफलता पाई कि रोनाल्डो के पास कम से कम गेंद जाए. उन्होंने 84वें मिनट में बॉक्स के ठीक पास में फ्रीकिक हासिल की लेकिन मोरक्को के रक्षकों को छकाने में नाकाम रहे.

मोरक्को ने अंतिम पांच मिनट में फैजल फज्र को भी मैदान पर उतारा. उसे इंजुरी टाइम में फ्रीकिक भी मिली, लेकिन मेहदी बेनातिया का शॉट निशाने पर नहीं गया और इसके साथ ही मोरक्को की विश्व कप के अगले चरण में पहुंचने की उम्मीदें भी समाप्त हो गई.