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FIFA World Cup 2018: रूस में नहीं तो कतर में ही सही... एशियन टीमों ने जगाई उम्मीद

इस बार के वर्ल्ड कप में एशियाई टीमों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है

FP Staff

फीफा वर्ल्ड कप में प्री क्वार्टर फाइनल राउंड खत्म होने के साथ ही टॉप की 8 टीमों की तस्वीर उभर कर सामने आ गई है. हमेशा ही तरह इस बार भी आखिरी 8 टीमों में लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय टीमें ही हैं. हलांकि  एशियाई टीमों के विश्व कप में प्रभाव डालने की उम्मीद नहीं थी लेकिन रिकार्ड अंक जुटाना और टॉप टीमों के खिलाफ कुछ शानदार प्रदर्शन ने कतर 2022 के लिये उनकी उम्मीदें बढ़ा दी हैं.

साउथ कोरिया ने ग्रुप मुकाबलों में गत चैंपियन को 2-0 से मात दी और फिर अंतिम 16 में जापान को स्टार सुसज्जित बेल्जियम से 2-3 से हार मिली. ईरान की टीम भी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की यूरोपीय खिताबधारी पुर्तगाल टीम केा हराने के करीब पहुंच गई थी जिससे लगता है कि छोटी टीमें भी खेल की शक्तिशाली टीमों के बीच को अंतर को कम कर रही हैं.


हालांकि एशियाई फुटबाल परिसंघ की कोई भी टीम क्वार्टर फाइनल नहीं पहुंची है. लेकिन जापान, साउथ कोरिया और ईरान की टीमें सर ऊंचा करके और कतर 2022 के लिये सकारात्मक उम्मीदों से रूस से रूखसत हुई हैं,

फोरफोरटू पत्रिका के एंडी जैक्सन ने एएफपी से कहा, ‘एएफसी देश इस साल के विश्व कप में प्रदर्शन से काफी उम्मीदें जगी हैं. ’ उन्होंने कहा, ‘ वे 2022 में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं जिसमें एफसी कतर में विश्व कप की मेजबानी करेगा और इसमें किसी बड़े उलटफेर की आशा है जैसे हमने रूस में देखा है.’

एएफसी टीमों ने रूस में 15 पॉइंट्स जुटाए हैं जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जिससे उन्होंने अफ्रीकी टीमों जैसे मिस्र, मोरक्को , नाइजीरिया , ट्यूनीशिया और सेनेगल को पछाड़ दिया है जिन्होंने मिलाकर 11 अंक हासिल किए.

वहीं एएफसी की एक अन्य टीम सऊदी अरब को टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में रूस से 0-5 की हार मिली जिसके बाद टीम उबर नहीं सकी. यही हाल एशियाई चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया का रहा जो इस विश्व कप को भुलाना ही चाहेगी.

(इनपुट- एएफपी)