करीब एक माह के लंबे इंतजार के बाद दुनिया को नया फुटबॉल चैंपियन मिल गया. फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया. हालांकि मुकाबला शुरू होने से पहले माना जा रहा था कि फाइनल में पिछले नॉकआउट मुकाबलों से ज्यादा रोमांच होगा, लेकिन पहले हाफ के रोमांच के बाद फ्रांस ने दूसरे हाफ में इसे एक तरफा कर दिया और 90 मिनट से काफी पहले ही दुनिया को फ्रांस के रूप में नया विश्व चैंपियन दिखने लग गया था. फाइनल में दोनों टीमों की तरफ से ऐसी गलतियां की देखने को मिली, जो अमूमन इतने बड़े मैच में देखने को नहीं मिलती और इन गलतियों का ही नतीजा था कि इस मुकाबले में कुल 6 गोल हुए. 1958 के बाद यह एक ऐसा फाइनल भी रहा, जिसमें निर्धारित समय में 6 गोल हुए. 18वें मिनट में भले ही फ्रांस ने बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन जल्द ही क्रोएशिया ने स्कोर भी बराबर कर दिया था. क्रोएशिया द्वारा अगर इस बड़े मुकाबले में सिर्फ दो गलतियां नहीं होती है तो इसका परिणाम कुछ और हो सकता था.
मुकाबले के शुरुआती मिनट से ही क्रोएशिया ने आक्रामक रवैया अपनाया और फ्रांस पर हावी दिखने लगी, लेकिन 18वें मिनट में जो हुआ, उसकी उम्मीद किसी को न थी और उसने क्रोएशिया के उत्साह को लगभग कम कर ही दिया था. 18वें मिनट में क्रोएशिया की ओर से आत्मघाती गोल हो गया और फ्रांस ने 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी. दरअसल फ्रांस के एंटोनी ग्रीजमैन को फ्री किक मिली थी और ग्रीजमैन से लक्ष्य पर सीधा हिट किया, यहां क्रोएशिया के मारियो मांजुकिच हैडर लगाकर बचाव करना चाहते थे कि लेकिन वह अपने हैडर को नियंत्रित नहीं कर पाए और गेंद उनके सिर से लगकर खुद के ही गोल पोस्ट में चली गई. मारियो सेमीफाइनल में अपनी टीम के जीत के हीरो रहे थे, लेकिन इतने बड़े मैच में उनसे इस गलती की शायद उम्मीद शायद किसी को न थी.
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हालांकि क्रोएशिया ने इस स्कोर को बराबर करने में ज्यादा समय नहीं लिया और 28वें मिनट में इवान पेरिसिच ने गोल कर स्कोर बराबर कर दिया था, लेकिन इसके बाद क्रोएशिया से इस बार एक और बड़ी गलती हो गई और फ्रांस ने इसका फायदा उठाते हुए बढ़त हासिल कर ली. दरअसल फ्रांस को कॉर्नर मिला था, लेकिन 38वें मिनट में इवान पेरीसिच गेंद को क्लीयर करने करने के चक्कर में हाथ लगा बैठे और हैंड बॉल होने के कारण फ्रांस को पेनल्टी के रूप में एक तोहफा और मिल गया. पेनल्टी से किसी भी टीम का बच पाना काफी मुश्किल होता है. फ्रांस ने हाथ आए इस मौके को भुनाते हुए ग्रीजमैन ने गेंद को सीधे नेट में पहुंचा दिया और क्रोएशिया के लिए ये दो गोल ही उसकी हार का कारण बन गई. अगर क्रोएशियाई टीम इस गलती से बच पाती को शायद नतीजा कुछ और होता.
स्कूली बच्चों की तरह फ्रांस के गोलकीपर ने भी की
भले ही क्रोएशिया के इस बड़े मुकाबले में दो बड़ी गलती की हो, लेकिन फ्रांस ने भी एक ऐसी गलती कि थी, जिसकी इतने बड़े मैच में किसी भी टीम में उम्मीद नहीं जा सकती. यहां तक कि फ्रांस की इस गलती को स्कूल के बच्चो द्वारा की गई गलती कहा जाने लगा. दरअसल 69वें मिनट में मारियो मांजुकिच गेंद को फ्रांस के गोल पोस्ट तक ले गए, यहां फ्रांसिस गोलकीपर बचाव करने के लिए बाहर आए और लेफ्ट पैर से गेंद को लक्ष्य से थोड़ा दूर किया, लेकिन तेजी से मांजुकिच ने रास्ता साफ देखते हुए गेंद को हिट करनके सीधा नेट में पहुंचा दिया. फ्रांस की डिफेंस उस समय गायब थी.