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गोल करना सुखद अहसास अगर जीत गए होते तो ज्यादा अच्छा होता : जैक्सन

जैक्सन सिंह थानोजाम फीफा विश्व कप में देश के लिए पहला गोल करने वाले भारतीय खिलाड़ी बने

Bhasha

जैक्सन सिंह थानोजाम फीफा विश्व कप में देश के लिए पहला गोल करने वाले भारतीय खिलाड़ी बने और उनका कहना है कि कोलंबिया के खिलाफ मेजबान टीम जीत की हकदार थी.

जैकसन ने कहा, ‘यह अच्छा अनुभव था और जब मैंने गोल किया तो मैं बहुत खुश था. हालांकि हमने सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास किया लेकिन हम दुभाग्यशाली रहे. फीफा विश्व कप में अपने देश के लिए गोल करना निश्चित रूप से अच्छा अहसास है लेकिन अगर मैंच जीत गए होते तो यह अच्छा होता.’ सोलह वर्षीय मिडफील्डर ने कहा, ‘हम अपने पक्ष में नतीजे के हकदार थे और हमने इसके लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. लेकिन इस प्रक्रिया में हमने बड़ा सबक भी सीखा कि अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल आखिर क्या है.’ जैक्सन की खुशी हालांकि ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी क्योंकि कोलंबिया ने अगले ही मिनट में गोल कर स्कोर 2-1 से बढ़त बना ली.


जैक्सन मणिपुर के थोबाल जिले के हाओखा ममांग गांव से हैं. उनके पिता कोनथाउजाम देबेन सिंह को 2015 में पक्षाघात पड़ा था और उन्हें मणिपुर पुलिस का अपना पद छोड़ना पड़ा. जिसके बाद उनकी मां सब्जियां बेचकर परिवार का खर्चा चला रही हैं.

कोलंबियाई कोच ओरलांडो ने की भारतीय टीम की तारीफ

कोलंबियाई कोच ओरलांडो रेस्ट्रेपो भारत के प्रदर्शन से काफी प्रभावित दिखे और उन्होंने टीम के संयोजित डिफेंडरों की प्रशंसा की. भारत को ग्रुप ए के दूसरे मैच में कोलंबिया से 1-2 से हार मिली.

रेस्ट्रेपो ने कहा, ‘भारत बढ़िया खेला. खिलाड़ियों और कोच को बधाई. उन्होंने काफी अच्छा बचाव किया और वे काफी संगठित थे. हमें लगा कि हमें गोल करने के मौके में थोड़ा धैर्य बरतना चाहिए था.’ यह पूछने पर कि भारतीय खिलाड़ियों में किसका प्रदर्शन शानदार रहा तो रेस्ट्रेपो ने कहा, ‘मैं उनके नाम नहीं जानता लेकिन सेंट्रल डिफेंडर (अनवर अली और नमित देशपांडे) बहुत अच्छे थे. उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया.’ भारत अब ग्रुप के अंतिम मैच में 12 अक्टूबर को घाना से भिड़ेगा.