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फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप : इंग्लैंड, मेक्सिको और चिली के रहने से ग्रुप एफ बना रोमांचक

शुरुआती बाधा पार कर खिताब के दावेदारों में शुमार हो सकती है इंग्लैंड टीम

Sachin Srivastava

इंग्लैंड, मेक्सिको और चिली जैसी टीमों की मौजूदगी के कारण फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के ग्रुप एफ को ग्रुप ऑफ डेथ भी कहा जा रहा है. कठिन ग्रुप मिलने के बावजूद माना जा रहा है कि इंग्लैंड की टीम इस बार शुरुआती बाधा पार कर खिताब के दावेदारों में शुमार हो सकती है. हैवीवेट इंग्लैंड अंडर-17 यूरोपियन चैंपियनशिप का उपविजेता है. हालांकि फीफा टूर्नामेंट के हर एज ग्रुप में मजबूत कहलाने वाली इंग्लैंड की टीम इस टूर्नामेंट के लिए अभी तक केवल तीन बार ही क्वालीफाई कर सकी है. हैरान करने वाली बात यह भी है कि वह इस टूर्नामेंट में पहली बार 2007 में खेली. यानी टूर्नामेंट शुरू होने के22 साल बाद.

 अंडर-17 वर्ल्ड कप में उसका अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन क्वार्टर फाइनल खेलना रहा है. लेकिन अंडर -17 यूरो-2017 में उसने अपना जो कौशल दिखाया था उसके बाद उसे कमजोर आंकने की भूल शायद ही कोई करे. वैसे इंग्लैंड के लिए यह अच्छी खबर नहीं है कि जादोन सांचो केवल ग्रुप चरण के मैचों के लिए ही उपलब्ध हो पाएंगे. उनकी आठ अक्टूबर को चिली के खिलाफ अपने शुरुआती ग्रुप मुकाबले से पहले टीम से जुड़ने की उम्मीद है. इस स्टार फारवर्ड को इंग्लैंड की 21 सदस्यीय टीम में चुना गया था, लेकिन वह टीम के साथ नहीं आए, क्योंकि उनके क्लब बोरूसिया डार्टमंड ने उन्हें अनुमति नहीं दी थी. लेकिन इंग्लैंड फुटबॉल संघ के हस्तक्षेप के बाद बुंदेसलीगा के इस शीर्ष क्लब ने अब इस 17 वर्षीय फारवर्ड को स्टीव कूपर की टीम में केवल ग्रुप मैचों के लिए शामिल करने की अनुमति दे दी.


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दो बार का विजेता है मेक्सिको

अभी तक मेक्सिको की टीम फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप में 12 बार भाग ले चुकी है और दो बार (2005 व 2011) इसने खिताब अपने नाम किया. इसके अलावा यह टीम एक बार उपविजेता भी रही. पिछले संस्करण में चौथे स्थान पर रहने वाली टीम इस बार भी उससे कम पर समझौता नहीं करेगी. उसे इस विश्व कप की सबसे नियोजित टीम करार दिया जा रहा है. कोच मारियो आर्टेगा 2014 से इसे संभाल रहे हैं और मेक्सिको ने युवा स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. ये टीम लगातार तीन बार से कानकैफ चैंपियनशिप की विजेता है.

चौथी बार उतरेगा चिली

पिछली बार की मेजबान टीम चिली फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप में चौथी बार उतरेगी. इस टीम ने 1993 में पदार्पण के समय अपना बेस्ट दिया था. तब यह टीम तीसरे स्थान पर रही थी. 2015 में अपनी मेजबानी में इस टीम ने राउंड ऑफ 16 तक का सफर तय किया था. चिली विश्व कप में भी उसी लय को जारी रखना चाहेगी, जो उन्होंने दक्षिण अमेरिकी अंडर-17 चैंपियनशिप के दौरान हासिल की थी. उसके गोलकीपर जूलियो बोरक्वेज पर लोगों की खास नजर रहेगी. उन्हें मार्च में हुई दक्षिण अमेरिकी अंडर-17 चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुना गया था. बोरक्वेज ने चार मैचों में कोई गोल नहीं गंवाया और अपनी टीम को 1997 के बाद पहली बार फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए क्वालीफाई कराया.

दूसरे मौके पर दम दिखाएगा इराक

 ‘लायन कब्स ऑफ मेसोपोटामिया’ के नाम से मशहूर इराक की टीम ने इससे पहले फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए केवल एक बार 2013 में ही क्वालीफाई किया था. तब उसे ग्रुप स्टेज के तीनों मैचों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार वह फॉर्म में नजर आ रही है और एएफसी अंडर-16 चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया है. लेकिन कठिन ग्रुप मिलने के कारण एशियाई दिग्गज की राह आसान नहीं रहने वाली है.

 

ग्रुप एफ मुकाबले

अक्टूबर

चिली बनाम इंग्लैंड- शाम बजे सेकोलकाता

इराक बनाम मेक्सिको- शाम बजे सेकोलकाता

11 अक्टूबर

इंग्लैंड बनाम मेक्सिको- शाम बजे सेकोलकाता

इराक बनाम चिली-शाम बजे सेकोलकाता

14 अक्टूबर

मेक्सिको बनाम चिली-शाम बजे सेगुवाहाटी

इंग्लैंड बनाम इराक- शाम बजे सेकोलकाता