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अंडर 17 टीम का नाम सुनते ही तिलमिलाए कांस्टेनटाइन ने बोले 'बड़े बोल', फिर ट्विटर पर लिया यू-टर्न

एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने फीफा अंडर-17 टूर्नामेंट में राष्ट्रीय टीम की प्रशंसा की थी, जबकि कांस्टेनटाइन टीम के प्रदर्शन साधारण बताया

Bhasha

राष्ट्रीय मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने  कहा कि भारत की अंडर-17 टीम का फीफा विश्व कप में प्रदर्शन औसत दर्जे का था और इसको लेकर हुई हाइप अनुचित थी.

अगले महीने बांग्लादेश में होने वाली सैफ (एसएएफएफ) चैंपियनशिप के लिए अभ्यास शिविर के शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कांस्टेनटाइन अंडर-17 टीम की बात करते हुए भड़क गए.


अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने फीफा अंडर-17 टूर्नामेंट में राष्ट्रीय टीम की प्रशंसा की थी.

यह पूछने पर कि क्या भारतीय अंडर-17 टीम के गोलकीपर धीरज सिंह के करियर को उनके मैनेजर ने उचित तरह से नहीं संभाला तो कांस्टेनटाइन ने पहले कहा, ‘मेरा उस खिलाड़ी की देखभाल से कोई लेना देना नहीं है. यह मेरा काम नहीं है.’

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अंडर-17 टीम के प्रदर्शन को लेकर कुछ ज्यादा ही हाइप बन गयी थी जबकि मैदान पर उनकी उपलब्धि इतनी नहीं थी. टीम कोलंबिया, अमेरिका और घाना के खिलाफ तीनों ग्रुप मैच गंवा बैठी थी.

कांस्टेनटाइन ने अंडर17 टीम का उड़ाया मजाक

उन्होंने कहा, ‘अंडर-17 टीम के प्रदर्शन को लेकर काफी हाइप बनी थी. उन्होंने अंडर-17 विश्व कप में एक भी मैच नहीं जीता था और मुझे पूरा पता भी नहीं है कि यह हाइप किस बारे में थी. टीम ने साधारण प्रदर्शन किया. लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि हम इसे इतना महत्व क्यों दे रहे हैं. पहली बात तो टीम ने अंडर-17 विश्व कप के लिए क्वालिफाई नहीं किया था, बल्कि मेजबान देश होने के नाते टूर्नामेंट में खेली थी.’

उन्होंने मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘क्या अंडर-17 टीम ने कोई उलटफेर किया? उन्होंने सारे मैच गंवा दिए थे. ये तो आप मीडिया ने टीम को इतना बड़ा बना दिया. भारतीय फुटबाल की भविष्य की टीम आई लीग में खेली और अंतिम स्थान पर आई.’

कांस्टेनटाइन ने भारतीय ओलिंपिक संघ के भारतीय टीम को अगले महीने होने वाले एशियाई कप में नहीं भेजने के फैसले को खराब करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘यह फैसला ठीक नहीं था. उन्होंने (आईओए) ने पिछले एशियाई खेलों के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया. हम चार साल या आठ साल पहले वाली टीम नहीं हैं. यह काफी निराशाजनक था. इससे भारतीय फुटबॉल को नुकसान ही होगा. मुझे लगा था कि हमारे पास ग्रुप से क्वालिफाई करने का अच्छा मौका था.’

ट्विटर पर दी सफाई

हलांकि बयान देने के कुछ समय बाद उन्होंने ट्वीट करके साफ किया उनका मकसद टीम की आलोचना करना नहीं था. अंडर17 टीम के युवा खिलाड़ियों को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हम सब की है.