इस साल अगस्त में शुरू हो रहे एशियन गेम्स में भारतीय फुटबॉल टीम के ना भेजे जाने पर विवाद बढ़ता जा रहा है. आईओए ने भारत की पुरुष और महिला टीमों को इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में होने वाले इन गेम्स में ना भेजने का फैसला किया है जिसके जवाब में फुटबॉल फेडरेशन ने आईओए को फुटबॉल के खेल की समझ ना होने का आरोप लगाते हुए अपने खर्चे पर टीम को भेजने की बात कही है.
भारतीय फुटबॉल फेडरेशन से जनरल सैक्रेटरी कुशल दास का कहना है, ‘ हमें आईओए की ओर से अब तक कोई आधिकारिक संदेश नही मिला है बस टेलीफोन के जरिए ही बता दिया गया है कि फुटबॉल की टीमों को नही भेजा जाएगा. अगर खर्चे की ही बात है तो हमारी फेडरेशन टीम की यात्रा और उसके रहने का खर्च उठाने के लिए तैयार है.’
साल 1951 के बाद यह पहली बार होगा जब एशियन गेम्स में भारत की फुटबॉल टीम हिस्सा नहीं लेगी.
दरअसल आईओए के दावा है कि एशियन गेम्स में टीम भेजने के लिए प्रदर्शन का जो पैमाना तय किया गया है, भारतीय फुटबॉल टीम उसपर खरी नहीं उतर रही है लिहाजा फुटबॉल टीम का पत्ता काट दिया गया है. अब फुटबॉल संघ ने इस मसले पर खेल मंत्रालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.