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एएफसी एशिया कप 2019 क्वालिफायर्स : भारत का अजेय अभियान बरकरार

दो बार पिछड़ने के बाद वापसी करके म्यांमा को 2-2 से ड्रॉ पर रोका

Bhasha

कप्तान सुनील छेत्री और जेजे लालपेखलुआ के शानदार खेल से भारत ने मंगलवार को मडगांव में दो बार पिछड़ने के बाद वापसी करके म्यांमा के खिलाफ एएफसी एशिया कप 2019 क्वालिफायर्स के दूसरे चरण का मैच 2-2 से ड्रॉ खेलकर अपना अजेय अभियान जारी रखा.

म्यांमा के लिए यान नैंग ओ (पहले मिनट) और क्याउ को (19वें मिनट) ने गोल करके अपनी टीम को दो बार बढ़त दिलाई. भारत की तरफ से छेत्री (13वें मिनट) और जेजे (69वें मिनट) ने गोल दागे.


भारतीय टीम पहले ही एशिया कप के लिए क्वालिफाई कर चुकी है. उसने पिछले 13 मैचों से एक भी मैच नहीं गंवाया है. इस बीच उसने 11 मैच जीते और दो मैच ड्रॉ कराए. भारत अब अगले साल मार्च में किर्गिस्तान से भिड़ेगा.

भारत के लिए मैच की शुरूआत बेहद निराशाजनक रही क्योंकि म्यांमा ने खेल के 17वें सेकेंड में ही बढ़त हासिल कर ली जो कि फुटबॉल इतिहास के सबसे तेज गोल में से एक है. फतरोडा स्टेडियम में अभी गेंद पर पहली किक लगी ही थी कि गोल भी हो गया. थीन थान विन ने बाएं छोर से यान नैंग ओ की तरफ क्रास बढ़ाया और उन्होंने हेडर से गोल करके भारतीय खिलाड़ियों के साथ स्टेडियम में मौजूद लगभग 5500 दर्शकों को भी हतप्रभ कर दिया.

भारतीय टीम ने हालांकि बराबरी का गोल करने में देर नहीं लगाई. खेल के 12वें मिनट में हिलियांग बो बो ने छेत्री को बॉक्स के अंदर गिरा दिया जिसके कारण भारत को पेनल्टी मिली. भारतीय कप्तान स्वयं पेनल्टी लेने के लिए और उन्होंने उस पर आसानी से गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. यह छेत्री का भारत की तरफ से 57वां गोल था.

म्यांमा ने हालांकि इसके छह मिनट बाद गोल करके फिर से बढ़त हासिल कर ली. इसमें भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह की भी गलती थी जो क्याउ को को के बॉक्स के बाहर से जमाए गए शॉट को नहीं समझ पाए. लगभग 20 गज की दूरी से जमाया गया शॉट आसानी से भारतीय गोल में घुस गया.

भारतीय टीम मध्यांतर तक 1-2 से पीछे थी. दूसरे हाफ में भारत ने बराबरी का गोल दागने के लिए शुरू से ही प्रयास किए. खेल के 58वें मिनट में प्रीतम कोटाल के बेहतरीन क्रास पर छेत्री के पास मौका था, लेकिन उनका हेडर दाईं पोस्ट के करीब से बाहर चला गया. इसके दो मिनट बाद जेजे और इयुगेनसन लिंगदोह चूक गए. इन दोनों ने हालांकि इसके बाद भारत को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

लिंगदोह के दायीं तरफ से दिए गए क्रास पर जेजे ने अच्छी तरह से नियंत्रण बनाया. अब उनके सामने केवल गोलकीपर था जिसे छकाकर उन्होंने गेंद को दाईं छोर के किनारे पर गोल में भेजा. इसके बाद म्यांमा ने जवाबी हमले किए लेकिन बो बो के दाएं पांव से जमाए गए करारे शॉट को गुरप्रीत ने बड़ी खूबसूरती से बचा लिया.