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अलविदा 2018: साल के ऐसे विवाद जिनसे हिल गया क्रिकेट का खेल....

बॉल टेंपरिंग के विवाद ने इस साल खूब सुर्खियां बटोरी तो वहीं भारत की महिला टीम के साथ-साथ कोहली-शास्त्री की जोड़ी भी रही विवादों में

Sumit Kumar Dubey

साल 2018 अब बीतने वाला है. हर साल की तरह इस साल भी क्रिकेट के खेल में कई नए रिकॉर्ड्स बने और कई नए खिलाड़ियों में अपनी काबिलियत का जौहर दिखाया. लेकिन इस साल कई ऐसे विवाद भी हुए जो क्रिकेट के इतिहास में बड़े विवाद के तौर पर दर्ज होंगे. आइए नजर डालते है साल 2018 के उन विवादों पर जो इस साल क्रिकेट की दुनिया में चर्चा में रहे.

बॉल टेंपरिंग ने हिलाया फैंस का भरोसा


साल 2018 में क्रिकेट के खेल के लिहाज से देखा जाए तो इसे बॉल टेंपरिंग के विवाद के तौर पर याद रखा जाएगा. इस साल मार्च में साउथ अफ्रीका में हुआ यह वाकिया इस साल का ही नहीं बल्कि क्रिकेट के सर्वकालीन टॉप विवादों में से एक माना जा सकता है. बॉल टेंपरिंग के इस विवाद ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस कदर झकझोर दिया कि इस देश मे क्रिकेट का पूरा निजाम ही बदल गया.

क्रिकेट के खेल के प्रति फैंस के विश्वास को 24 मार्च, 2018 के दिन उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन लंच के बाद टीम कैमरे पर कंगारू फील्डर कैमरन बेनक्रॉफ्ट बॉल पर सेंडपेपर रगड़ते हुए रंगेहाथ पकड़े गए.

दिन के खेल के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ ने यह कबूला कि उपकप्तान डेविड वॉर्नर की सलाह पर उन्होंने ही बेनक्रॉफ्ट को इस चीटिंग की इजाजत दी थी. यह खुलासा करोड़ों फैंस को भरोसे को हिलाने वाला था. खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने सामने आकर स्मिथ को कप्तानी से तुरंत हटाने की बाद कही.

इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया की छवि को चकनाचूर कर दिया. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ और वॉर्नर पर 12-12 महीने और बेनक्रॉफ्ट पर नौ महीने की पाबंदी लगी. लेकिन बात यहीं नहीं थमी. ऑस्ट्रेलिया के कोच डैरेन लीमन का भी इस्तीफा हुआ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ जेम्स सदरलैंड के साथ साथ इसके चेयरमेन को भी अपना पद छोड़ना पड़ा.

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बहरहाल इस वाकिए के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी छवि सुधारने के अभियान में जुटी हई है और फिलहाल मैदान पर उसके खिलाड़ियों की वह अकड़ अब गायब है जिसके लिए यह टीम जानी जाती है.

श्रीलंका में फिक्सिंग और सनथ जयसूर्या पर लगे संगीन इल्जाम

आधुनिक क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से एक श्रीलंका के स्टार क्रिकेटर सनथ जयसूर्या पर लगे आईसीसी के भ्रष्टाचार के आरोप भी इस साल खूब सुर्खियों में रहे. दरअसल एक टीवी चनल अल जजीरा ने अपनी डॉक्युमेंट्री में दिखाया कि श्रीलंका में क्रिकेट का खेल अब पाक साफ नहीं रहा है.

इन आरोपों के मद्देनजर आईसीसी ने अपनी जांच टीम को श्रीलंका भेजा जहां उसने श्रीलंका की टीम के चीफ सेलेक्टर रहे जयसूर्या पर जांच में सहयोग ना करने और उसे प्रभावित करने के संगीन इल्जाम लगाए. आईसीसी ने जयसूर्या को निलंबित करते हुए उनसे जवाब-तलब भी किया.

इंटरनेशनल स्तर पर तो क्रिकेट के  ये विवाद हो ही रहे थे लेकिन भारत में क्रिकेट की दुनिया विवादों से अछूती नहीं रही. साल 2018 के लिहाज से देखें तो भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा विवाद मेंस टीम के साथ नहीं बल्कि महिला टीम के साथ जुड़ा.

भारत ने भी जमकर हुए विवाद

साल 2017 में जहां कप्तान कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच हुआ विवाद सुर्खियों में रहा तो इस बार कुछ ऐसी ही कहानी महिला क्रिकेट में भी नजर आई. वेस्टइंडीज में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की सबसे सीनियर महिला क्रिकेटर मिताली राज को प्लेइंग इलेवन में शामिल ना किया जाना टीम के कोच रमेश पोवार को भारी पड़ा.

मिताली राज ने य़ूं तो टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत पर भी निशाना साधा लेकिन उनके कोप का भाजन सबसे अधिक कोच रमेश पोवार बने. मिताली की सनसनीखेज चिट्ठी मीडिया में लीक हुई और पता चला कि उनके और कोच रमेश पोवार के रिश्ते कितने तल्ख हो चुके थे. बहरहाल, कुंबले की ही तरह रमेश पोवार को कुर्सी भी गई और डब्ल्यू वी रमन महिला टीम के नए कोच बने.

महिला टीम के इस विवाद के दौरान जो दूसरा पहलू देश के सामने आया वह भी अपने आप में भारतीय क्रिकेट के एक बड़ा विवाद रहा.

आपस में भिड़ गई सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीसीसीआई को चला रही प्रशासकों की समिति यानी सीओए के चीफ विनोद राय और इसकी दूसरी सदस्य और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी इस मसले पर पूरी तरह आमने सामने आ गए. डायना एडुलजी रमेश पोवार को बरकरार रखनी चाहती थीं जबकि विनोद राय ने उनकी राय को नजरअंदाज कर दिया.

यह पहला मौका नहीं था जह सीओए के मतभेद सामने आए हों. इससे पहले बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी के यौन शोषण के खिलाफ चलते अभियान #MeToo में फंसने पर भी दोनों प्रशासक एक दूसरे के खिलाफ थे. डायना चाहती थीं कि राहुल जौहरी से इस्तीफा लिया जाए जबकि विनोद ने अपने चहेते माने जाने वाले राहुल जौहरी के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी. 2-1 से आए कमेटी के फैसले ने जौहरी की नौकरी  तो बरकरार रखी. लेकिन सीओए की प्रतिष्ठा तार-तार हो गई.

डायना और विनोद राय के बीच ईमेल्स की एक जंग शुरू हुई और हर ईमेल मीडिया में लीक हुआ. इसी से पता चला कि पिछले साल अनिल कुंबले को विराट कोहली के एसएमएस के बाद ही हटाने का फैसला लिया गया था.

काबू में नहीं रही कोहली-शास्त्री की जुबान!

कुंबले के कोच पद से हटाने के बाद बनी कोहली और कोच शास्त्री की जोड़ी भी इस साल अपनी बयानबाजी के चलते विवादों में रही. इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज हारने के बावजूद कोच शास्त्री ने कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को पिछले 10-15 सालों में विदेश दौरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम करार देकर विवाद को जन्म दे दिया.

वहीं कप्तान कोहली ने  अपनी एक ऐप को लॉन्च करते हुए एक फैन को देश छोड़ने की सलाह दे डाली. उस फैन का कसूर बस इतना था कि उसने कोहली की तुलना में विदेशी खिलाड़ियों को पसंद करने की बात कही थी. इस पर कोहली का कहना था कि अगर उन्हें अपने देश यानी भारत के क्रिकेटर पसंद नहीं हैं तो वह किसी दूसरे देश में जाकर बस सकते हैं.

वहीं कोहली के पसंदीदा कोच रवि शास्त्री की जुबान साल का अंत आते-आते एक बार फिर फिसल गई. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में जीत हासिल करने के बाद शास्त्री ने लाइव टेलीकास्ट के दौरान एक ऐसी अश्लील बात कह दी जिसे सुन कर कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर का सिर भी शर्म से झुक गया.

वहीं इसके बाद पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन के साथ कोहली की ऐसी जुबानी जंग हुई जिसे ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खूब उछाला.

बहरहाल विवादों से भरा यह साल 2018 अब बीतने को है. उम्मीद की जानी चाहिए कि नए साल यानी 2019 में यह खेल विवादों की वजह से नहीं बल्कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में रहेगा.