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2011 विश्व कप चैंपियन टीम के इस गेंदबाज ने क्रिकेट को कहा अलविदा

इस गेंदबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच टाइ करवाकर भारत की हार को टाल दिया था

FP Staff

भारत को 2011 में दूसरी बार विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुनाफ पटेल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दाएं हाथ के तेज गेंदबाज नेअंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को तो अलविदा कह दिया है, लेकिन क्रिकेट का मैदान नहीं छोड़गे. मुनाफ अब आने वाली टी10 लीग का हिस्सा होंगे. जहां वह राजपूत टीम की ओर से खेलेंगे.

सचिन तेंदुलकर को अपनी गेंदबाजी से प्रभावित करने वाले मुनाफ पटेल ने 2003 में राजकोट में मेहमान टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ए की ओर से खेलते हुए फस्र्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा थे. डेब्यू के तीन साल उन्होंने भारत की टेस्ट टीम में खेलने का मौका मिला और 2006 में डरबन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण किया. इसके एक माह बाद उन्होंने वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया. हालांकि पटेल का करियर ज्यादातर चोटों से प्रभावित रहा, जिसके कारण वह 13 टेस्ट और 70 वनडे मैच ही खेल सके. उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला 2011 में खेला था. पटेल ने तीन टी20 मैच भी खेले गए हैं.


पटेल ने कहा कि इस समय संन्यास लेने का उन्हें कोई मलाल नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने जिन खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेला है, वह सभी संन्यास ले चुके हैं. उनमें से सिर्फ धोनी ही हैं, जो अभी तक खेल रहे हैं. बाकी सब डन हो चुके हैं. इसीलिए कोई दुख नहीं हैं. सबका समय खत्म हो चुका है. पटेल ने कहा कि गम उस समय होता, जब सभी खेल रहे होते और मैं संन्यास लेता. संन्यास लेने के अपने फैसले पर पटेल ने कहा कि कोई खास कारण नहीं है. उम्र हो चुकी है. फिटनेस भी पहली जैसी नहीं हैं. युवा मौको का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि तो यहीं है कि मैं 2011 विश्व कप विजेता टीम का सदस्य हूं.

2011 विश्व कप मैच को जब भी याद किया जाता है, मुनाफ को इंग्लैंड के खिलाफ टाइ मैच का आखिरी ओवर करने के लिए याद किया जाता हैं. इंग्लैंड को 14 रन चाहिए थे. इंग्लैंड ने पहली तीन गेंदों पर 9 रन बना लिए थे और अंतिम गेंद पर दो रन की जरूरत थी. ऐसे में मुनाफ ने सिर्फ एक रन दिया और मैच टाइ करवा लिया