महिला टी20 विश्व कप शुरू होने में अब मात्र कुछ ही दिन बचे हैं और ऐसे में सभी की नजरें सबसे ज्यादा मौजूदा चैंपियन पर होंगी. ये देखने के लिए दो साल में फटाफट क्रिकेट की यह विश्व चैंपियन टीम कितनी बदली हैं. दो साल पहले यानि 2016 में भारत ने दिन और शाम कैरेबियाई टीम के ही नाम रहे थे. दिन में महिला टीम ने अपना पहला टी20 विश्व कप जीता तो शाम को पुरुष टीम ने इस फॉर्मेट की विश्व विजेता बनी. महिला टीम ने सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया को फाइनल मुकाबले में 8 विकेट से हराकर खिताब जीता था.
दो साल बाद एक बार फिर वहीं मंच सज चुका है और मौजूदा चैंपियन के लिए यह विश्व कप पहले की तुलना में काफी खास भी होगा, वह न सिर्फ मौजूदा चैंपियन के रूप में उतरेंगी, बल्कि टूर्नामेंट की मेजबानी भी करेंगी.
ताकत
दो साल में टीम में काफी कुछ बदल जाता है. नए खिलाड़ी भी उभर कर सामने आते हैं तो अनुभवी भी अपनी लय में खो बैठते हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों का मिश्रण टीम को मजबूती देता हैं. इतने बड़े टूर्नामेंट में युवा जोश के साथ अनुभव का होना भी जरूरी होता है. इसीलिए कैरेबियाई टीम में 2016 में मिली ऐतिहासिक जीत के 11 सदस्यों को टीम में बरकरार रखा है. इसके अलावा चयनकर्त्ताओं ने हेनरी, नताशा और चेहेन के साथ साथ अनकैप्ड खिलाड़ी स्नेता ग्रीममोंड को भी शामिल किया है. हालांकि ग्रीममोंड ने नाम ने एक बार तो सबको चौंकाया था, लेकिन यह युवा खिलाड़ी टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाने का दम रखती है. हेनरी और नताशा काफी अनुभवी खिलाड़ी है, जबकि चेहेन की सात साल के बाद टीम में वापसी हुई है. एक बार टीम की अगुआई स्टेफनी टेलर करेंगी, जिन्होंने 2016 की खिताबी जीत में अर्धशतक जड़ा था और टेलर के इस अनुभव का फायदा एक बार फिर टीम को यहां मिलने वाला है.
कमजोरी
टीम में अनुभवी खिलाड़ी होने के कारण मजबूती मिली है, लेकिन मेजबान टीम की चिंता फिलहाल टीम के प्रदर्शन पर है. विश्व कप के अभियान में उन्होंने न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से भी कड़ी चुनौती मिलेगी, लेकिन अगर टीम के पिछले प्रदर्शन को देखा जाए तो हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए 5 मैचों की टी20 सीरीज 2-2 से ड्रॉ रहा. इस साल के शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की सीरीज कैरेबियाई टीम ने 4-0 से गंवा दिया. फिलहाल कैरेबियाई टीम आईसीसी की टी20 रैंकिंग में भी चौथे नंबर पर है. उनसे पहले ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड क्रमश पहले, दूसरे और तीसरे पायदान पर है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ ड्रॉ रही सीरीज में कैरेबियाई टीम की मिडिल ऑर्डर की कमजोरी उजागर हो गई. कैंपबेल और डॉटिन के बल्ले से रन नहीं निकल रहे. इसके अलावा टीम की सबसे बड़ी कमजोरी निरंतरता की कमी है. सलामी बल्ले हेली मैथ्यू ज्यादातर टीम को अच्छी शुरुआत देने में नाकाम चल रही है.
स्टार ऑफ द टीम
विश्व कप में कैरेबियाई टीम में सबसे ज्यादा निगाहें कप्तान स्टेफनी टेलर और हीली मैथ्यूज पर होंगी, जिन्होंने 2016 फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच जीता था. टेलर टी 20 फॉर्मेट में विश्व की शीर्ष ऑलराउंर्स की सूची में शुमार हैं. वहीं फिरकी गेंदबाज मैथ्यूज इस फॉर्मेट में सबसे प्रभावी गेंदबाजों में से एक हैं.
शेड्यूल
वेस्टइंडीज बनाम बांग्लादेश, 9 नवंबर
वेस्टइंडीज बनाम साउथ अफ्रीका, 14 नवंबर
वेस्टइंडीज बनाम श्रीलंका, 16 नवंबर
वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड, 18 नवंबर