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शादी के ढोल थमते ही कोहली-शास्त्री का हनीमून खत्म, अब होगा सच का सामना

कोहली एक सफल कप्तान और शास्त्री नसों में जुनून भर देने वाले कोच के रूप में जिक्र करने लायक होंगे या नहीं, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे तय करेंगे

Jasvinder Sidhu

शादी के साथ किसी भी इंसान की नई जिंदगी शुरू होती है. विराट कोहली शादी के ढोल-धमाके थमने के बाद एक बार फिर से अपनी टीम के साथ हैं. वह बतौर कप्तान सबसे मुश्किल टेस्ट और वनडे सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुके हैं.

हेड कोच रवि शास्त्री ने भी अनिल कुंबले को निकाले जाने के बाद कभी बुरा समय नहीं देखा है. 25 महीनों में टीम ने अधिकतर क्रिकेट अपनी पिचों पर खेल कर हर फॉरमेट में लगातार 16 सीरीज जीती हैं.


शास्त्री-कोहली का वक्त शुरू होता है अब

कोहली और शास्त्री की जोड़ी के लिए अब तक सब कुछ नए जोड़े की शादी के पहले महीने की तरह रहा है, जिसमें सब कुछ मंगलमय ही होता है.

लेकिन कोहली भविष्य में बतौर एक सफल कप्तान और शास्त्री नसों में जुनून भर देने वाले कोच के रूप में जिक्र करने लायक होंगे या नहीं, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे तय करेंगे.

साउथ अफ्रीका के बाद इंग्लैंड को दौरा है और फिर टीम ऑस्ट्रेलिया में होगी. देखना रोचक होगा कि टीम की लगातार जीत का सिलसिला कितना लंबा चलता है. क्रिकेट के लिहाज से कहें तो इन दोनों के लिए सफर यहां से शुरू होता है. हनीमून खत्म और सच का सामना शुरू.

साउथ अफ्रीका में होगी पहली अग्निपरीक्षा

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत कभी उसकी जमीं पर कोई सीरीज नहीं जीता है. विराट और शास्त्री के टीम की कमान संभालने के बाद से लगभग हर टॉप बल्लेबाज के नाम शतक है. खुद कप्तान लगातार दो पारियों में दो दोहरे शतक मार कर शादी के मंडप में गए थे.

मौजूदा टीम के प्रदर्शन को देखकर उससे इस बार बेहतर करने की उम्मीद की जानी चाहिए. लेकिन एकाएक कप्तान और कोच दोनों चैलेंज की बात करने लगे हैं.

अच्छी उछाल वाली पिचों, चार स्लिप, एक गली, पॉइंट या लेग स्लिप वाली फील्डिंग में बल्लेबाजी और 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बॉलिंग करने वाले गेंदबाजों का सामना यकीनी तौर पर चुनौती है.

कप्तान विराट ने दौरे पर जाने से पहले कहा कि उनके लिए मायने नहीं रखता कि वह भारत में खेल रहे हैं या कहीं और. उनके लिए हर मैच एक जैसा है.

हालांकि कोच शास्त्री को अंदाजा है कि साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया के दौरे के परिणामों के बाद उनके व कप्तान के लिए किस तरह के हालात बनेंगे.

शास्त्री जानते हैं आने वाले वक्त की चुनौती

शास्त्री ने स्वीकार किया कि अगला डेढ़ साल इस टीम से स्तर को तय करेंगे और टीम के हर सदस्य को इस बात का अंदाजा है. हर सीरीज से पहले बेखौफ क्रिकेट खेलने का नारा देने वाले कोच का यह काफी सकारात्मक बयान है.

जाहिर है कि अपने अनुकूल परिस्थितियों में लगातार जीतने वाली टीम के चुनौती भरे हालात में उतरने के बाद उसके चरित्र का आकलन होना बाकी है. कप्तान विराट कोहली और कोच शास्त्री को इस बात का अंदाजा है.

कोहली अभी काफी यंग हैं और उनकी बल्लेबाजी इतनी मजबूत है कि आने वाले कुछ साल उन्हें कोई छू नहीं सकता. लेकिन शास्त्री के लिए हालात अलग हैं. उनके बारे में सोच यह है कि वह विराट के साथ दोस्ती के कारण ही बतौर कोच भारतीय टीम के ड्रेसिंगरूम में हैं.

इसलिए अगली तीन मुश्किल सीरीज के खराब नतीजे आने पर सबसे पहले वही फायरिंग लाइन पर होंगे. साफ है कि बतौर कोच-कप्तान जोड़ी, विराट और शास्त्री के लिए परिक्षा अब शुरू होगी. जबकि शास्त्री को अपना भविष्य बचाने के लिए हर हाल में इसमें अच्छे नंबर लाने ही होंगे.