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तो क्या भारतीय क्रिकेट के आमिर खान साबित होंगे हार्दिक पांड्या!

हार्दिक पांड्या के आगाज को देखकर लगता है कि टीम इंडिया को वह ऑलराउंडर मिल गया जिसकी उसे शिद्दत से तलाश थी

Jasvinder Sidhu

23 साल के हार्दिक पांड्या को लेकर कई तरह के कयास हैं. वह अगले कपिल देव है या नहीं. या फिर क्या वह विराट कोहली की टीम को सुपरमैन हैं. कोई शक ही नहीं है कि इस युवा क्रिकेटर ने मौका मिलते ही मुश्किल परिस्थितियों में भी खुद को साबित किया है. लेकिन उसे अभी कपिल घोषित कर देना खुद इस युवा के साथ ज्यादती होगी.

हां, दिखाई दे रहा है कि उनमें वहां तक पहुंचने की काबिलियत है. असल में इस समय भारतीय क्रिकेट में पांड्या वह हैं जो आमिर खान बॉलीवुड के लिए. एक ऐसा पेशेवर, जो अपना काम पूरे परफेक्शन के साथ करने का आदी है. यहां पांड्या को परफेक्शनिस्ट कहना कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि यह साबित करने के लिए उसका खेल ही काफी है.


बेहतरीन आगाज है पाड्या का

बतौर बॉलर और बल्लेबाज तीनों फॉरमेट में पांड्या के आगाज को देखें तो वह दी गई जिम्मेदारी को सौ फीसदी प्रदर्शन के साथ उस अंजाम तक ले जाने के हामी हैं जो मैच के परिणाम को प्रभावित करे. 2015 में आईपीएल के अपने पहले मैच में मुंबई इंडियंस के लिए पांड्या ने रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ जो दूसरी गेंद खेली थी, वह स्टैंड में जाकर गिरी थी. कितने बल्लेबाज याद हैं जिन्होंने कैरियर की दूसरी गेंद पर ही छक्का मारा हो! उस मैच में 6 गेंदों पर 16 रन ठोक कर उन्होंने अपने आने का शंखनाद किया.

2016 में गुजरात के इस क्रिकेटर की टी-20 में शुरुआत एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में हुई. वह अपने कैरियर के पहले मैच में उन्होंने 3-0-37-2 का गजब स्पैल डाल गए. पिछले साल धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांड्या का वनडे डेब्यू था. पहले ही ओवर में उन्होंने खतरनाक मार्टिन गप्टिल को निकाल दिया था. मैच खत्म होने पर पांड्या के नाम स्कोर बोर्ड पर 7-0-33-1 दर्ज थे.

खुद को ऑलराउंडर ही कहलाना पसंद करते हैं पंड्या

गॉल में श्रीलंका के खिलाफ पांडया अपना पहला टेस्ट मैच खेलने उतरे और 49 गेंदों पर 50 रन लूटने में सफल हुए. उस मैच का बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अब टीम के पास विकेट निकालने वाला गेंदबाज भी है. उनके आने से टीम में बड़ा संतुलन आ गया है. बतौर ऑलराउंडर पांड्या ने बड़ा फर्क पैदा कर दिया है.

टीम के बाहर बेशक उनके भविष्य के ऑलराउंडर होने की बहस चल रही है लेकिन कप्तान की नजर में इस बहस के कोई मायने नहीं हैं. खुद पांडया भी कहते हैं कि उन्हें एक ऑलराउंडर के रूप में ही गिना जाए.

इस लेखक से बातचीत में पांडया ने कहा, ‘मैं एक ऑलराउंडर ही कहलाना पसंद करूंगा. मेरी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप अपनी स्टोरी में मुझे ऑलराउंडर ही लिखें क्योंकि मैंने अपना क्रिकेट एक बल्लेबाज के रूप में शुरू किया था. अब मैं एक सुधरा हुआ गेंदबाज भी हूं.’

अच्छी बात यह है कि इस युवा क्रिकेटर को अंदाजा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन सबसे बड़ी जरूरत है. इसलिए वह बतौर ऑलराउंडर कपिल देव के साथ हो रही तुलना पर ज्यादा जोश में नहीं आते.

श्रीलंका में उन्होंने कहा भी कि अगर वह कपिल के जैसे दस फीसदी भी बन पाए तो यह बड़ी बात होगी. कुल मिला कर पांड्या को करीब ढाई साल का सफर आमिर की फिल्मों की बॉक्स आफिस में पहले दिन की कलेक्शन जैसा रहा है. उनसे आगे भी हिट प्रदर्शन की उम्मीद करना बेमानी नहीं है.

लेकिन ऐसे टैलेंटेड क्रिकेटर को बहुत ध्यान रखना चाहिए. ऐसा न हो कि जल्द ही उनके क्रिकेट को छोड़ कर अजीबोगरीब हेयर स्टाइल या टेटूओं के बारे में लेख दिखाई देने लगें. क्रिकेट के चाहने वाले उन्हें आखिर क्यों गंभीरता से लें, इसके लिए सलमान खान और आमिर खान के बीच का फर्क उनके लिए मददगार हो सकता है.